भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी कल (2 मार्च, 2013) राष्ट्रपति भवन में पैरासूट रेजिमेंट की तीसरी बटालियन की दो सौवीं जयंती समारोहों पर स्मारक डाक टिकट जारी करेंगे।
पैरासूट रेजिमेंट (विशेष बल) की तीसरी बटालियन की स्थापना 8 मार्च 1813 को हुई थी। यह भारतीय सेना की ऐसी पहली बटालियनों में से है, जिसने नवंबर 1956 से नवंबर 1967 तक मिस्र और गाज़ा पट्टी में संयुक्त राष्ट्र आपातकालीन बल की भारतीय टुकड़ी के अंग के रूप में सेवा की।
इस बटालियन ने प्रथम विश्वयुद्ध से पूर्व तथा युद्ध के दौरान विभिन्न संक्रियाओं में तथा द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान मध्य-पूर्व और बर्मा में कई संक्रियाओं में भाग लिया। जम्मू-कश्मीर में संक्रियाओं के दौरान इसने 7 नवम्बर, 1947 को शेलातांग की प्रसिद्ध लड़ाई में भाग लिया। संक्रियाओं में अपने शानदार प्रदर्शन के लिए इस यूनिट को जनवरी 2008 में ‘बारी से पहले’ लेबनान में संयुक्त राष्ट्र संघ सेवा के लिए भेजा गया था, जहां इस यूनिट को संयुक्त राष्ट्र बल कमांडर प्रशस्ति प्रदान की गई।
इस बटालियन को 11 स्वतंत्रता पूर्व तथा दो स्वतंत्रता पश्चात युद्ध सम्मान और एक युद्ध क्षेत्र सम्मान प्राप्त करने का गौरव प्राप्त है। इसे 4 महावीर चक्र, 1 कीर्ति चक्र, 15 वीरचक्र, 5 शौर्यचक्र, 7 अतिविशिष्ट सेवा मेडल, 22 सेवा मेडल तथा 5 विशिष्ट सेवा मेडल प्रदान किए गए हैं।
यह विज्ञप्ति 1230 बजे जारी की गई