भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (2 अप्रैल, 2015) पश्चिम बंगाल के बारासात, उत्तर 24 परगाना में बैरकपुर रामकृष्ण विवेकानंद मिशन द्वारा संचालित शारदा मां कन्या महाविद्यालय के नए भवन का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने कहा कि शारदा मां कन्या महाविद्यालय का नया भवन श्री रामकृष्ण और मां शारदा देवी, जिन्होंने जीवन भर लोगों को शिक्षित करने का प्रयास किया, वे शाश्वत विचारों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है। श्री रामकृष्ण और उनके महान शिष्य स्वामी विवेकानंद आज भी हमें प्रेरणा प्रदान करते रहते हैं। स्वामी विवेकानंद हमें आज भी प्रेरित करते रहते हैं। मां शारदा देवी ने रामकृष्ण आंदोलन के प्रसार में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके शब्द ‘संपूर्ण जगत को अपना बनाना सीखिए’ इतने सरल परंतु विषद हैं कि वे हमें वर्तमान विश्व की जिन चुनौतियों और समस्याओं का हम सामना कर रहे हैं, उनके समाधान का मार्ग दिखाते हैं।
राष्ट्रपति ने रामकृष्ण विवेकानंद मिशन के संस्थापक स्वामी नित्यानंद महाराज, जो 5जनवरी, 2014 को परलोक सिधार गए थे, के प्रति अगाध सम्मान प्रकट किया। राष्ट्रपति ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने कमजोर वर्गों, विशेषकर अभावग्रस्त बच्चों के कल्याण के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। स्वामी नित्यानंद महाराज के निधन से न केवल मिशन ने अपने संस्थापक को खो दिया है,न केवल संगठन के सदस्यों ने एक महान शिक्षक और मार्गदर्शक खोया है बल्कि उन्होंने भी एक महत्वपूर्ण मित्र खो दिया है।
राष्ट्रपति ने रामकृष्ण विवेकानंद मिशन तथा इसके माध्यम से समाज सेवा के प्रयासों और उनके सभी भावी कार्यों में सफलता के लिए इसके सदस्यों और कर्मचारियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने देशभर के स्कूलों में लगभग पंद्रह हजार बालक-बालिकाओं को प्राथमिक शिक्षा प्रदान करने के लिए पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में शाखाओं के विशाल नेटवर्क वाले रामकृष्ण विवेकानंद मिशन की सराहना की। उन्होंने उल्लेख किया कि मिशन द्वारा संचालित अनेक कल्याण-गृह अनाथों और बेसहारा बच्चों, भिन्न रूप से सक्षम बालिकाओं और निराश्रित महिलाओं को आश्रय और उम्मीद प्रदान कर रहे हैं।
यह विज्ञप्ति 1815 बजे जारी की गई।