भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (2 जुलाई, 2014) राष्ट्रपति भवन में एक समारोह में ‘फर्स्ट सिटिजन : प्रणब मुखर्जी इन राष्ट्रपति भवन’ नामक कॉफी टेबल बुक की प्रथम प्रति प्राप्त की। द वीक पत्रिका द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक का डॉ. कर्ण सिंह ने राष्ट्रपति
तथा द वीक के प्रबंध संपादक, श्री फिलिपि मैथ्यू की उपस्थिति में विमोचन किया।
इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने श्री फिलिप मैथ्यू तथा द वीक की उनकी टीम को कॉफी टेबल बुक के लिए बधाई देते हुए कहा कि यह पुस्तक जनता, विशेषकर इतिहास के विद्यार्थियों के लिए बहुत रुचिकर होगी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति भवन की चाहरदीवारी के बाहर इसके बारे में
कम जानकारी है। इस पुस्तक में राष्ट्रपति के पद के अज्ञात परंतु महत्त्वपूर्ण पहलुओं के बारे में सिलसिलेवार लिखा गया है। यह राष्ट्रपति भवन के इतिहास तथा इसके वैभव के बारे में जनता को सूचना मुहैया कराने में बहुमूल्य सहायता प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि द वीक ने
अपने स्तंभ ‘द फर्स्ट सिटिजन’ के द्वारा अपने पाठकों को सूचना प्रदान की है, उन्हें शिक्षित किया है तथा भावी पीढ़ियों के लिए शानदार रिकार्ड रख छोड़ा है।
राष्ट्रपति ने कहा कि रायसीना पहाड़ी तथा राष्ट्रपति भवन के आसपास की इमारतें पांच दशकों के दौरान उनके अधिकांश सार्वजनिक जीवन का रंगमंच रही हैं। पद ग्रहण करने से पूर्ण या तो विभिन्न सरकारों में मंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करने के लिए कई बार अथवा संसद में बजट प्रस्तुत
करने से पहले उस पर राष्ट्रपति को जानकारी देने के लिए वह आठ बार राष्ट्रपति भवन आए थे, परंतु इस शानदार इमारत की ऐतिहासिक पीठ के रूप में तथा ‘जीती-जागती विरासत’ के रूप में इसके महत्त्व से वह तभी अवगत हुए जब वह इसमें निवासी बन कर आए।
राष्ट्रपति ने कहा कि ऐसे बहुत से क्षेत्र हैं जिसमें विभिन्न राष्ट्रपतियों ने अपनी रुचि के क्षेत्र को विकसित किया है। अन्य वस्तुओं के अलावा, उनकी प्राथमिकता राष्ट्रपति भवन को भारत की जनता के लिए खोलना तथा इसे इसका प्राचीन वैभव लौटाना रही है। पिछले दो वर्षों
के दौरान राष्ट्रपति भवन के जीर्णोद्धार तथा संरक्षण के लिए कई व्यापक कदम उठाए गए हैं। ‘अस्तबल’ तथा ‘गैराज’ नामक दो नए संग्रहालय निर्माणाधीन हैं तथा ‘अस्तबल’ शीघ्र ही जनता के लिए खोला जाएगा। दरबार हाल तथा अतिथि विंग सहित सभी राजसी कक्षों को मरम्मत कराकर उन्हें
फिर से खोल दिया गया है। प्राचीन तथा दुर्लभ पुस्तकों का मुख्य पुस्तकालय में संग्रह करके उनका जीर्णोद्धार किया जा रहा है।
राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें इस बात की प्रसन्नता है कि पिछले दो वर्षों की राष्ट्रपति भवन की इस यात्रा के दौरान ‘द वीक’ उनका सहयात्री रहा है। अपने 125 वर्षों के इतिहास के साथ मलयालम मनोरमा समूह विश्व भर में बेहतरनी पत्रकारिता का प्रतिनिधित्व करता है तथा ‘द वीक’
इसकी महान परंपरा का सच्चा उत्तराधिकारी है।
यह विज्ञप्ति 1950 बजे जारी की गई।