राष्ट्रीय नवाचार परिषद् ने आज (2 नवम्बर, 2012) अपनी द्वितीय वार्षिक ‘जन रिपोर्ट 2012’ भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी को राष्ट्रपति भवन में सौंपी। रिपोर्ट, राष्ट्रीय नवाचार परिषद् के अध्यक्ष और प्रधानमंत्री के सलाहकार श्री सैम पित्रोदा ने केन्द्रीय संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री कपिल सिब्बल ने किया। रिपोर्ट में देश में नवान्वेषण पारितंत्र को सुदृढ़ बनाने के लिए परिषद् के कार्यकलापों और प्रयासों का उल्लेख किया है। इसमें परिषद् के पिछले कार्य भी दिए गए हैं और विगत वर्ष की नयी पहल की रूपरेखा भी दी गई है।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि तीव्र प्रौद्योगिक उन्नति के युग में, ‘नवान्वेषण’ विकास और प्रगति का प्रमुख उत्प्रेरक है। हमारे सन्दर्भ में, एक नवान्वेषी दृष्टिकोण बहुत जरूरी हो गया है क्योंकि स्वास्थ्य, शिक्षा, जल, खाद्य सुरक्षा और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में अपूर्ण आवश्यकताओं का ढेर लगा हुआ है। नवान्वेषण ऐसी चुनौतियों का समाधान मुहैया करवा सकता है जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग भारत की विकास गाथा से लाभान्वित हो सकते हैं। भारत में नवान्वेषण की प्रचुर अप्रयुक्त संभावनाएं मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि हमारी आबादी सम्बन्धी लाभ और फलता-फूलता लोकतंत्र नवान्वेषण का उर्वर आधार है, परंतु हमारी 550 मिलियन जनसंख्या 25 वर्ष से कम आयु की है इसलिए उनके लिए नए अवसर तैयार करने के साथ-साथ हमें सतत् तरीके से उनकी आवश्यकताएं भी पूरी करने के लिए नवान्वेषण करना होगा।
राष्ट्रपति भवन से मुरादाबाद कलस्टर और राजस्थान के अजमेर जिले की कालपुरा ग्राम पंचायत को समारोह का लाइव विडियो प्रसारण किया गया जिसमें राष्ट्रीय नवाचार परिषद् को नवान्वेषण कलस्टर पहल और ग्रामीण ब्राडलैंड सम्पर्क कार्यक्रम दिखाया गया।
यह विज्ञप्ति 1315 बजे जारी की गई