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राष्ट्रपति जी ने देश में शिक्षा सुविधाओं के विस्तार का आह्वान किया

राष्ट्रपति भवन : 03.04.2015

भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने कल (2 अप्रैल, 2015) कोलकाता में दक्षिणेश्वर रामकृष्ण संघ आद्यपीठ द्वारा आयोजित दिव्य आद्य माता के अविर्भाव के 100वें वर्ष के समारोह में भाग लिया। उन्होंने इस अवसर पर आद्यपीठ अन्नदा बी.एड कॉलेज तथा एक अनाथालय का भी उद्घाटन किया।

जनसमूह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें दक्षिणेश्वर रामकृष्ण संघ आद्य पीठ के विभिन्न केन्द्रों,विशेषकर वृद्धाश्रम, विधवा आश्रम, धर्मार्थ औषधालय, कन्या विद्यालय, संस्कृत महाविद्यालय तथा अध्यापक प्रशिक्षण संस्थानों में की जा रही अनेक गतिविधियों को देखकर प्रसन्नता हुई है। आद्यपीठ ने कभी भी समाज की किसी भी जाति या वर्ग के प्रति भेदभाव नहीं किया है। यह सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक है जिसने स्थानीय निवासियों को चिकित्सीय उपचार और आध्यात्मिक सहायता प्रदान करने के लिए अपने द्वार खोले हैं।

राष्ट्रपति ने देश में प्राथमिक,उच्चतर और उच्चतम शिक्षा सुविधाओं के विस्तार की आवश्यकता पर बल दिया ताकि युवा पीढ़ी के लिए रोजगार के अवसरों को बढ़ाया जा सके। उन्होंने इस संबंध में आद्यपीठ के योगदान तथा बी.एड. कॉलेज स्थापित करने तथा हजारों अनाथ बालकों को आश्रय देने की इसकी पहल की सराहना की।

ईसापूर्व तीसरी शताब्दी तथा बारहवीं शताब्दी ईस्वी के बीच देश में शिक्षा के स्वर्ण युग, जब देश में नालंदा जैसे विश्वविद्यालय विद्यमान थे, का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि अनेक विदेशी राष्ट्रों के विद्यार्थी और विद्वान उच्च अध्ययन के लिए भारत आया करते थे परंतु बारहवीं शताब्दी ईस्वी के बाद, हमारी शिक्षा प्रणाली ने अपना गौरव खोना शुरू कर दिया। राष्ट्रपति ने कहा कि देश में उच्चतर शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आना चाहिए। 11वीं पंचवर्षीय योजना में देश में उच्चतर शिक्षा की गुणवत्ता सुधार के लिए प्रावधान किए हैं। भारत में 700 विश्वविद्यालय (48 केन्द्रीय विश्वविद्यालयों सहित), 16 भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, 30 राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान और लगभग 36000 डिग्री कॉलेज हैं। लगभग 2करोड़ विद्यार्थी अनौपचारिक और उच्च शिक्षा में भाग लेते हैं। इस संख्या के बावजूद, अंतरराष्ट्रीय शिक्षा रेटिंग एजेंसी ने इनमें से किसी भी संस्था को विश्व के सर्वोत्तम 200 में स्थान नहीं दिया है। राष्ट्रपति ने शिक्षा संस्थानों से विद्यार्थियों को नवान्वेषण और अनुसंधान के प्रति प्रोत्साहित करने का आग्रह किया।

 

यह विज्ञप्ति 1100 बजे जारी की गई।