भारत के राष्ट्रपति ने आज (3 मई, 2013) राष्ट्रपति भवन, ऑडिटोरियम, नई दिल्ली में भारतीय रेड क्रास सोसाइटी तथा सेंट जॉन एम्बुलेंस (इन्डिया) की वार्षिक आम बैठक के सामारोहिक सत्र में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने भारतीय रेड क्रास सोसाइटी के स्वयं सेवकों तथा शाखाओं को उनकी समर्पित सेवा को मान्यता प्रदान करने के लिए चार पदक तथा बारह शील्ड पुरस्कार और सेंट जॉन एम्बुलेंस (इन्डिया) के स्वयं सेवकों तथा केंद्रों को छह मेडल और चार शील्ड पुरस्कार प्रदान किए।
इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति जी ने उन सभी पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी जिन्हें मानवतावादी कार्यों की दिशा में अनुकरणीय सेवाओं के लिए सम्मानित किया गया है। उन्होंने कहा कि 150 वर्षों के अपने इतिहास में रेड क्रास ने मानवता, निष्पक्षता, निरपेक्षता, स्वतंत्रता, स्वैच्छिक सेवा, एकता और सार्वभौमिकता के बुनियादी मूल्यों को बनाए रखा है। उन्होंने आगे कहा कि भारत में, भारतीय रेड क्रास सोसाइटी तथा सेंट जॉन एम्बुलेंस 1920 से मानवतावादी सेवाओं में अग्रणी रहे हैं और उन्होंने अपने कार्यक्रमों का विस्तार किया है। उन्होंने कहा कि नर्सिंग स्कूलों, वृद्धाश्रम, क्षय रोग कार्यक्रम, आपदा सहायता तथा तैयारी, तथा बच्चों और युवाओं को सकारात्मक दृष्टिकोण पर शिक्षण जैसे कार्यक्रमों से इन्होंने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। उनके प्रयासों में विस्तार होने से लाखों लोगों को फायदा पहुंचा है।
राष्ट्रपति ने युवाओं और युवतियों का आह्वान किया कि वे बड़ी संख्या में आगे आकर स्वैच्छिक रक्त दान में भाग लें। उन्होंने आगे कहा कि इस महत्त्वपूर्ण सामाजिक सेवा के प्रति युवाओं को जागरूक करना अत्यंत जरूरी है। यह सुनिश्चित करने का हमारा प्रयास होना चाहिए कि खून की जरूरत वाले एक भी व्यक्ति को निराश न होना पड़े।
इस मौके पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री तथा पंजाब, हरियाणा, राजस्थान तथा छत्तीसगढ़ के राज्यपाल भी उपस्थित थे।
यह विज्ञप्ति 1345 बजे जारी की गई