बेलारूस के राष्ट्रीय विश्वविद्यालय ने आज (03 जून 2015) बेलारूस में आयोजित एक समारोह में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को प्रोफेसर की मानद उपाधि से विभूषित किया।
अपने स्वीकृति व्याख्यान में राष्ट्रपति जी ने कहा कि यह सम्मान भारत तथा उनके प्रति बेलारूस की जनता की स्नेह का प्रतीक है। वह भारत की जनता की ओर से प्रोफसर की मानद उपाधि स्वीकार करते हैं। वह किसी भी भारतीय राष्ट्रपति की पहली राजकीय यात्रा पर बेलारूस आए हैं। इस प्रकार यह उनके लिए सौभाग्य की बात है कि उन्हें वहां आने तथा बेलारूस के साथ पहले से मौजूद ठोस संबंधों को और अधिक प्रगाढ़ बनाने में भारत की हार्दिक इच्छा को पहुंचाने का मौका मिला है।
राष्ट्रपति जी ने कहा कि भारत और बेलारूस के बीच संबंध पिछले दो दशकों के दौरान काफी तेजी से विकसित हुए हैं। यह संबंध अब व्यापार तथा आर्थिक सहयोग से लेकर विज्ञान, प्रौद्योगिकी,शिक्षा तथा रक्षा सहयोग जैसे विभिन्न सेक्टरों में फैल चुका है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि बेलारूस के नेतृत्व के साथ उनके विचार-विमर्श के दौरान जो निष्कर्ष निकले हैं और जो सहमति बनी है उससे भविष्य में इस रिश्ते को और ऊंचाई पर पहुंचने में सहायता मिलेगी।
राष्ट्रपति जी ने कहा कि भारत अपनी विदेश नीति में शांतिपूर्ण उपायों के प्रति प्रतिबद्ध रहा है तथा सदैव रहेगा। परंतु हमारे साझा पड़ोस से पैदा हो रहा आतंकवाद तथा उग्रवाद भारत और बेलारूस के लिए प्रमुख सुरक्षा खतरा बना हुआ है। इस चुनौती का सामना करने के लिए सभी देशों के बीच और अधिक सहयोग की तथा उद्देश्य की स्पष्टता जरूरी है। वैश्विक शासन को और अधिक प्रतिनिधित्वपूर्ण तथा समावेशितापूर्ण होना भी जरूरी है। 21 वीं सदी के समक्ष उपस्थित गंभीर राजनीतिक, सैन्य, आर्थिक, पर्यावरणीय तथा प्रौद्योगिकीय चुनौतियों का समाना ऐसी अंतरराष्ट्रीय संस्थान का उपयोग करके नहीं किया जा सकता जो मानवीय इतिहास के किसी अलग चरण में स्थापित हुई हो।