भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी को पूर्व राष्ट्रपति डॉ. अ.पा.जै. अब्दुल कलाम के दु:खद निधन पर विश्व नेताओं के अनेक शोक संदेश प्राप्त हुए हैं।
राष्ट्रपति को जिन नेताओं ने संदेश भेजे उनमें सिंगापुर, स्लोवाक गणराज्य, रूस, नेपाल और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति, भूटान के चतुर्थ नरेश, ओमान और ब्रुनेई के सुल्तान, अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति, डॉ. हामिद करजई तथा सिंगापुर के पूर्व राष्ट्रपति श्री एस.आर. नाथन शामिल हैं।
रूस के राष्ट्रपति श्री ब्लादिमीर पुतिन ने कहा, ‘‘प्रो. कलाम का एक विशिष्ट वैज्ञानिक और प्रबुद्ध राजनेता के रूप में उच्च अंतरराष्ट्रीय प्रभाव था। भारत की सामाजिक, आर्थिक, वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति तथा इसकी राष्ट्रीय सुरक्षा को सुनिश्चित करने में उनके व्यक्तिगत योगदान का पूर्ण आकलन करना कठिन है।’’
सिंगापुर के राष्ट्रपति, डॉ. टोनी टैन केंग याम ने कहा, ‘‘डॉ. कलाम का एक महान वैज्ञानिक, प्रख्यात राजनेता तथा दूरद्रष्टा नेता के रूप में भारत में और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहुत सम्मान किया जाता था। जनता के राष्ट्रपति के रूप में उन्होंने सभी भारतीयों के जीवन को बेहतर बनाने का अथक प्रयास किया। पदमुक्त होने के बाद भी वह देश प्रेम तथा सामाजिक और शैक्षिक उन्नति को बढ़ावा देने के लिए एकाग्र समर्पण की भावना के साथ भारत को प्रेरणा देते रहे।’’
नेपाल के राष्ट्रपति, डॉ. राम बरन यादव ने कहा, ‘‘डॉ. कलाम ‘ज्ञान’ और ‘कर्म’ के अद्भुत संगम थे। उन्होंने निस्वार्थ भाव से ज्ञान की प्राप्ति की तथा अथक रूप से जनता में इसका प्रचार-प्रसार किया। उनके निधन से, नेपाल ने एक सच्चा मित्र तथा भारत ने एक महान वैज्ञानिक, नेता और प्रतिष्ठित विद्वान खो दिया है।’’
भूटान के चतुर्थ नरेश, जिग्मे सिंगे वांग्चुक ने कहा, ‘‘डॉ. कलाम एक असाधारण मानव, एक महान वैज्ञानिक तथा एक दूरदर्शी चिंतक थे जिन्होंने भारत की जनता को तथा उन सभी को प्रभावित और प्रेरित किया जो उन्हें जानते थे।’’
स्लोवाक गणराज्य के राष्ट्रपति श्री एण्ड्रेज किस्का ने कहा, ‘‘डॉ. कलाम को इतिहास में एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित राजनेता तथा एक ऐसी असाधारण हस्ती के तौर पर याद रखा जाएगा जिन्होंने समसामयिक भारत की वैज्ञानिक और सामाजिक प्रगति में उल्लेखनीय योगदान दिया है।’’
यह विज्ञप्ति 1530 बजे जारी की गई।