भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (03 अक्तूबर, 2016) जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर में एकीकृत आवास और गंदी बस्ती विकास परियोजना के अंतर्गत निर्मित ईडबल्यूएस आवास के लिए चाबियों और स्वामित्व प्रमाण पत्र वितरण समारोह की अध्यक्षता की
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने मध्य प्रदेश की सरकार और ग्वालियर की जनता को भारत सरकार के ‘स्मार्ट सिटी कार्यक्रम’ में उनके शहर को चुने जाने के लिए मुबारकबाद दी। उन्होंने कहा कि इस अवसर पर उपस्थित होना सचमुच बड़ी खुशी की बात है जब अनेक आवासी जो अब तक गंदी बस्ती जैसे हालात में रह रहे थे, को उनके आवासों का स्वामित्व प्रदान किया जा रहा है।
राष्ट्रपति ने कहा कि वे इस बात से खुश हैं कि प्रधानमंत्री आवास योजना के द्वारा 2022 तक प्रत्येक बेघर को आवास प्रदान करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आवास की समस्या को सुलझाना आसान नहीं है। 2012 के अनुसार शहरी भारत में आवासों की कमी 1.88 के तर्ज पर थी और उसमें संयोजित वार्षिक विकास दर से 6.6 प्रतिशत की वृद्धि थी, प्रक्षेपण के अनुसार 2022 तक अवासीय एककों के 3.4 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है। लेकिन सभी को आवास प्रदान करना केवल एक नारा नहीं है और प्रधानमंत्री आवास योजना के माध्यम से सरकार इसके प्रति कटिबद्ध है।
राष्ट्रपति ने कहा कि एक समय था जब एक नारा ‘रोटी, कपड़ा और मकान’ मांग रहा है हिन्दुस्तान’ था। उन्होंने कहा कि वे इस नारे में दो और मांगे अर्थात् ‘शिक्षा’ और ‘स्वास्थ्य’ जोड़ना चाहेंगे। केवल जब भोजन, कपड़ा और आवास के साथ स्वास्थ्य और शिक्षा देश के लोगों को उपलब्ध होंगे तो भारत का विकास संभव है।
यह विज्ञप्ति 1900 बजे जारी की गई