भारतीय रेल परिवहन सेवा, भारतीय रेल लेखा सेवा, भारतीय रेल कार्मिक सेवा, भारतीय रेल भंडार सेवा और रेलवे सुरक्षा बल के 136 परिवीक्षाधीनों के समूह ने आज (04 मार्च 2014) को राष्ट्रपति भवन में भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी से भेंट की।
इन परिवीक्षाधीनों को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय रेल देश के सबसे प्राचीन संगठनों में से है तथा इसका सबसे बड़ा योगदान यह है कि यह सबसे बड़ा तथा आज तक परिवहन का सबसे सस्ता साधन है जो इस विशाल देश के दूर-दराज के इलाकों को जोड़ने का काम करता है। जब विभिन्न भाषाओं को बोलने वाले विभिन्न पृष्ठभूमियों के लोग रेल के कोच में बैठते हैं तो उनकी केवल रेल के यात्री होने की साझा पहचान होती है। उन्होंने कहा कि समयबद्धता, स्वच्छता तथा गुणवत्ता रेल सेवाओं की ऐसी महत्वपूर्ण विशेषताएं हैं जो बहुत बड़ी संख्या में रोजाना रेलों से यात्रा करने वाले यात्रियों के मन में स्थाई प्रभाव छोड़ती हैं। उन्होंने परिवीक्षाधीनों से आग्रह किया कि वे देश की जनता को सर्वोत्तम रेल सेवाएं प्रदान करने का निश्चय करें।
भारतीय रेल परिवहन सेवा के परिवीक्षाधीन इस समय भारतीय रेल परिवहन प्रबंधन संस्थान, लखनऊ में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं जबकि भारतीय रेल सुरक्षा बल के परिवीक्षाधीन जगजीवन राम रेल सुरक्षा बल अकादमी, लखनऊ में प्रशिक्षण ले रहे हैं। भारतीय रेल लेखा सेवा, भारतीय रेल कार्मिक सेवा तथा भारतीय रेल भंडार सेवा के परिवीक्षाधीन अपना 18 माह का प्रशिक्षण मध्य भारतीय रेल अकादमी में ले रहे हैं।
यह विज्ञप्ति 1630 बजे जारी की गई।