:श्रीलंका की संसद में विपक्ष के नेता, श्री रानिल विक्रमसिंघे ने 3 अप्रैल, 2013 को भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी से सौजन्यवश मुलाकात की।
राष्ट्रपति ने इस अवसर पर कहा कि भारत-श्रीलंका के द्विपक्षीय संबंध साझा ऐतिहासिक, सांस्कृतिक तथा जातीय रिश्तों तथा जनता के आपसी व्यापक आदान-प्रदान पर आधारित हैं। ये संबंध सदैव प्रगाढ़ तथा सौहार्दपूर्ण रहे हैं। हजारों वर्षों के प्रगाढ़ संबंधों वाले पड़ोसी होने के नाते भारत की स्वाभाविक रूप से श्रीलंका में रुचि है। भारत की जनता श्रीलंका के घटनाक्रमों से अछूती नहीं रह सकती।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत का सदैव यह मानना है श्रीलंका में संघर्ष की समाप्ति ने सभी समुदायों के लिए स्वीकार्य, स्थाई राजनीतिक समाधान की दिशा में एक असाधारण अवसर उपलब्ध कराया है। श्रीलंका को वास्तविक राष्ट्रीय सुलह के मौके का फायदा उठाकर आगे बढ़ना चाहिए।
श्री रानिल विक्रमसिंघे ने भी राष्ट्रपति जी के उद्गारों का गर्मजोशी से प्रत्युत्तर दिया।
यह विज्ञप्ति 1825 बजे जारी की गई