भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी कल (5 अप्रैल, 2016) 1300 बजे राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में राष्ट्रीय भू-विज्ञान पुरस्कार-2014 प्रदान करेंगे।
राष्ट्रीय भू-विज्ञान पुरस्कारों को पहले राष्ट्रीय खनिज पुरस्कार के रूप में जाना जाता था जिन्हें मौलिक और अनुप्रयुक्त भूविज्ञान तथा खनन और सम्बद्ध क्षेत्रों में असाधारण उपलब्धियों और उल्लेखनीय योगदान के लिए व्यक्तियों और वैज्ञानिकों के दलों को सम्मानित करने के लिए खान मंत्रालय द्वारा आरंभ किया गया था।
कल तैंतीस भूवैज्ञानिक राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार प्राप्त करेंगे जिनमें उत्कृष्टता के लिए एक पुरस्कार, एक युवा वैज्ञानिक पुरस्कार तथा भूविज्ञान के 16 क्षेत्रों में उन्नीस व्यक्तिगत और/अथवा टीन पुरस्कार शामिल हैं। प्रो. ए.के. सिंघवी, मानद प्रोफेसर, पी.आर.एल. अहमदाबाद चतुर्थ भू-विज्ञान के क्षेत्र में अपने असाधारण योगदान के लिए तथा डॉ. इंद्र कुमार सेन, सहायक प्रोफेसर, आई.आई.टी., कानपुर पृथ्वी के भूरासायनिक विकासक्रम के क्षेत्र में योगदान के लिए युवा वैज्ञानिक पुरस्कार प्राप्त करेंगे।
राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कारों में नकद पुरस्कार और प्रमाण पत्र शामिल हैं। अब तक (2013 तक), सात सौ इक्कीस भूवैज्ञानिकों को राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।
यह विज्ञप्ति 1200 बजे जारी की गई