भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (04 जून, 2013) नई दिल्ली में नवीन महाराष्ट्र सदन का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि महाराष्ट्र राज्य की, आजादी से पूर्व तथा पश्चात के समय में देश की प्रगति और विकास में प्रमुख भूमिका रही है। महाराष्ट्र वह प्रमुख भूमि रही है जिस पर हमारे देश का स्वतंत्रता संग्राम लड़ा गया था। स्वतंत्रता के बाद के समय में भी इस राज्य ने हमारी राष्ट्रीय नीतियों के निर्धारण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। महाराष्ट्र की जनता ने सदैव यह दिखाया है कि वे प्रतिकूल परिस्थितियों में भी चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहते हैं। उन्होंने नवीन महाराष्ट्र सदन को न केवल महाराष्ट्र की जनता की सेवा में बल्कि संपूर्ण देश की जनता की सेवा में समर्पित किया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की जनता ने सदैव पूरे देश के कल्याण को पहली प्राथमिकता दी है। राष्ट्रपति जी ने कामना की कि नवीन महाराष्ट्र सदन में उपलब्ध सुविधाओं का पूर्ण उपयोग हो।
इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य लोगों में केंद्रीय कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री, श्री शरद पवार, केंद्रीय गृह मंत्री, श्री सुशील कुमार शिंदे, महाराष्ट्र के राज्यपाल, श्री के. शंकरनारायणन, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, श्री पृथ्वीराज चौहान, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री श्री अजित पवार तथा महाराष्ट्र सरकार में लोकनिर्माण विभाग के मंत्री श्री छगन भुजबल उपस्थित थे।
नवीन महाराष्ट्र सदन, सभागार, वीडियो कान्फ्रेंसिंग सुविधा, पत्रकार सम्मेलन, बैठक कक्ष, भोजन कक्ष, सांस्कृतिक केंद्र, संग्रहालय और पुस्तकालय से सज्जित है। इस भवन की वास्तुकला में महाराष्ट्र के भव्य इतिहास तथा संस्कृति के महत्त्वपूर्ण प्रतीकों से प्रेरणा ली गई है।
यह विज्ञप्ति 1940 बजे जारी की गई।