55वें राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज पाठ्यक्रम के सदस्यों और राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज के कर्मचारियों ने आज (4 नवम्बर, 2105) राष्ट्रपति भवन में भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी से भेंट की।
इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने कहा कि किसी भी राष्ट्र की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि यह मौजूदा उपलब्ध सभी संसाधनों, जिनमें से मानव संसाधन सबसे प्रमुख है, का प्रयोग कितने प्रभावी ढंग से करता है। राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए मानव संसाधन का विकास भारत के राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज द्वारा किया जा रहा भारी कार्य है, जहां न केवल सशस्त्र सेनाओं बल्कि सिविल सेवाओं तथा विदेशी मित्र देशों के वरिष्ठ अधिकारियों को राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित नीतिगत निर्णय करने का परिप्रेक्ष्य ज्ञान प्रदान किया जाता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे जैसी लोकतांत्रिक प्रणाली में, राष्ट्र के विभिन्न अंगों को एक दूसरे की विशेषताओं और सीमाओं को समझना चाहिए। राजनीतिक नेतृत्व और वरिष्ठ सिविल सेवा के अधिकारियों को रक्षा बलों की क्षमताओं और सीमाओं से परिचित होना चाहिए। इसी प्रकार, सशस्त्र सेना अधिकारियों को सीमाओं और संवैधानिक ढांचे की जानकारी प्राप्त करनी चाहिए जिसके अंतर्गत राजनीतिक व्यवस्था कार्य करती है। तथापि इन दोनों को महत्त्वपूर्ण सुविज्ञ निर्णय लेने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा के व्यापक परिप्रेक्ष्य से परिचित होना चाहिए। उन्होंने आशा व्यक्त की कि पाठ्यक्रम से सहभागी अधिक जागरूक और सुविज्ञ बनेंगे तथा इससे वे देश के सुरक्षा परिदृश्यों को ध्यान में रखते हुए सुविचारित निर्णय लेने में सक्षम होंगे।
यह विज्ञप्ति 1340 बजे जारी की गई।