केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपतियों के दो दिवसीय सम्मेलन का 5 फरवरी 2015को राष्ट्रपति भवन में समापन हुआ।
कुलपतियों ने सम्मेलन की कार्यसूची की निम्न पांच मदों पर कई सिफारिशों को अंगिकार किया: (1) अनुसंधान और नवान्वेषण के लिए परिवेश तैयार करने के लिए कदम; (2) संकाय का क्षमता निर्माण, पूर्व छात्र सहभागिता तथा प्रौद्योगिकी का प्रयोग; (3) समुदाय के साथ केंद्रीय विश्वविद्यालयों की सहभागिता की प्रगाढ़ता; (4) गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय तथा राष्ट्रीय नेटवर्क का सृजन तथा; (5) विकल्प आधारित अंक प्रणाली अपनाना। इस सिफारिशों में निम्न शामिल हैं:
1. सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में विकल्प आधारित अंक प्रणाली शैक्षणिक वर्ष 2015-16 से कार्यान्वित की जानी चाहिए।
2. प्रत्येक केंद्रीय विश्वविद्यालय द्वारा एक समुदाय विकास स्थापित किया जाएगा जो मॉडल गांवों के रूप में विकसित किए जाने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा अंगिकार करने हेतु अपने नजदीक के कम से कम 5 गांवों को चिह्नित करेगा।
3. एक मिश्रित वृहत मुक्त ऑनलाइन पाठ्यक्रमों वाली कार्यनीति अपनाई जानी चाहिए।
4. केंद्रीय विश्वविद्यालयों को अगले 60 दिनों के अंदर मानव संसाधन मंत्रालय को संविधियों में ऐसे संसाधनों के सुझावों की सिफारिश करनी चाहिए जिससे उनके संचालक मंडल में पूर्व छात्रों को शामिल किया जा सके।
5. शैक्षणिक सदस्यों का चयन कुलाध्यक्ष के नामितों की नियुक्ति के छह महीने के अंदर पूर्ण कर लिया जाना चाहिए। मानव संसाधन विकास मंत्रालय को कुलपतियों की रिक्तियों को भरने के लिए तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।
6. राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद से प्रत्यायन प्राप्त करने संबंधी सभी कार्रवाइयां छह माह के भीतर पूरी कर ली जानी चाहिए।
7. केन्द्रीय विश्वविद्यालयों द्वारा तीन माह के अंदर डाटाबेस तैयार कर लिया जाना चाहिए।
8. प्रत्येक केंद्रीय विश्वविद्यालय को हैदराबाद विश्वविद्यालय की वेबसाइट के केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति परिचर्चा पृष्ठ पर, विश्वविद्यालय की जरूरतों और गतिविधियों तथा अच्छी परिपाटियों और अनुभवों को डालने के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त करना चाहिए।
9. प्रत्येक केंद्रीय विश्वविद्यालय में अगले 30 दिनों के भीतर अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाना चाहिए।
10. अगले 60दिनों के अंदर उत्कृष्टता केन्द्र के सृजन संबंधी प्रस्ताव विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को भेजे जाने चाहिएं।
11. जिन केंद्रीय विश्वविद्यालयों ने अभी तक नवान्वेषण क्लब स्थापित नहीं किए हैं वे 60दिन के अंदर कर लें।
12. जिन केंद्रीय विश्वविद्यालय ने अभी तक प्रेरित शिक्षकों के नेटवर्क को स्थापित नहीं किया है वे 30 दिन के अंदर कर लें।
13. केंद्रीय विश्वविद्यालयों में उद्योग-संपर्क प्रकोष्ठ अगले तीन महीनों में स्थापित हो जाने चाहिएं।
समापन सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कुलपतियों से कहा कि उन्हें ‘गुरु’के रूप में कार्य करते हुए शैक्षणिक उत्कृष्टता के उच्चतम मानदंडों की प्राप्ति की ओर अध्येताओं और विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करना होगा। उन्हें सशक्त महसूस करना चाहिए तथा उनमें निहित प्रशासनिक तथा नैतिक शक्ति का प्रयोग इन विश्वविद्यालयों को ऐसे ‘द्वीप’ बनाने में करना चाहिए जो अपने प्रभाव क्षेत्र में उत्कृष्टता का प्रसार करें।
राष्ट्रपति जी ने प्रत्येक केन्द्रीय विश्वविद्यालय से एक प्रेरित शिक्षक को आवासी कलाकार तथा नवान्वेषण विद्वान कार्यक्रम की तर्ज पर राष्ट्रपति भवन समुदाय के आतिथ्य का अनुभव लेने और उसका हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने केंद्रीय विश्वविद्यालयों से मार्च 2015 में राष्ट्रपति भवन में एक सप्ताह के लिए प्रस्तावित ‘नवान्वेषण समारोह’ में भाग लेने के लिए प्रतिनिधि भेजने का भी अनुरोध किया।
राष्ट्रपति ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग तथा कुलपतियों का आह्वान किया कि वे सम्मेलन की सिफारिशों पर समयबद्ध ढंग से कार्रवाई करें तथा कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय लक्ष्यों की प्राप्ति की समीक्षा के लिए जून 2015में एक बैठक आयोजित करेगा।
समापन सत्र केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री, श्रीमती स्मृति ज़ुबिन इरानी ने भी भाग लिया।
यह विज्ञप्ति1840 बजे जारी की गई।