भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (05 मई, 2016) राष्ट्रपति भवन में भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह की 100वीं वर्षगांठ समारोह में भाग लिया।
इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने ज्ञानी जैल सिंह को भावभीनी श्रृद्धांजलि दी। उन्होंने उन्हें सही मायने में ‘ज्ञानी’ ठहराया। राष्ट्रपति ने ज्ञानी जैल सिंह की भारतीय इतिहास, संस्कृति और सभ्यता की गहरी समझ का स्मरण किया। उन्होंने कहा कि ज्ञानी जैल सिंह एक महान आत्मा थे और उनकी उन्नति उस अवसर का प्रमाण है जो प्रत्येक भारतीय नागरिक को उसके स्तर की परवाह किए बगैर भारतीय लोकतंत्र द्वारा प्रदत्त है। ज्ञानी जैल सिंह ने एक विनीत और गरीब पृष्ठभूमि से जो ऊंचाइयां प्राप्त की, वे भारतीय लोकतंत्र की इस महान विशेषता का प्रमाण है। उन्होंने एक स्वतंत्रता सेनानी, पंजाब के मुख्य मंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री और राष्ट्रपति के रूप में राष्ट्र के प्रति उनकी सेवाओं का स्मरण किया। उन्होंने एक सांसद के रूप में भी उनकी भूमिका को याद किया।
उपराष्ट्रपति और डॉ. गुरदीप कौर, ज्ञानी जैल सिंह की पुत्री द्वारा ज्ञानी जैल सिंह के जीवन पर एक वृत्त-चित्र और एक पुस्तक ‘फ्रैगरेंट रिकलैक्शन्स’ (ज्ञानी जैल सिंह का स्मरण और श्रद्धांजलि) का क्रमश: विमोचन किया और इस अवसर पर उनकी प्रथम प्रति राष्ट्रपति को भेंट की।
इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में भारत के उपराष्ट्रपति, भूतपूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, ज्ञानी जैल सिंह के परिवार के सदस्य और ज्ञानी जैल सिंह फाउंडेशन के अधिकारी उपस्थित थे।
यह विज्ञप्ति 1530 बजे जारी की गई