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राष्ट्रपति जी ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान,कानपुर के 45वें दीक्षांत समारोह में भाग लिया|

राष्ट्रपति भवन : 05.07.2013

भारत के राष्ट्रपति,श्री प्रणब मुखर्जी ने आज(5 जुलाई 2013) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान,कानपुर के 45वें दीक्षांत समारोह में भाग लिया|

इस अवसर पर बोलते हुए,राष्ट्रपति ने कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू की परिकल्पना के अनुसार,उच्च शिक्षा संस्थानों में मानवीयता और विज्ञान का सम्मिश्रण होना चाहिए तथा उन्हें यह देखकर बहुत प्रसन्नता हो रही है कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान,कानपुर कई मायनों में पंडित जवाहर लाल नेहरू की उम्मीदों और परिकल्पनाओं पर खरा उतरा है| भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान,कानपुर ने विज्ञान आधारित इंजीनियरी की शुरुआत करके भारत में इंजीनियरी की शिक्षा में क्रांति पैदा की| इसी के साथ, इसने अपनी स्नातक पाठ्यचर्या में मानविकी और समाज विज्ञानों पर अधिक ध्यान केंद्रित किया है| राष्ट्रपति ने कहा कि इस पचास वर्ष से कुछ अधिक की अवधि में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान,कानपुर अपनी अकादमिक उत्कृष्टता के लिए दुनियाभर में ख्याति प्राप्त करने में सफल रहा है| उन्होंने कहा कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर के विद्यार्थियों ने,चाहे वह विज्ञान का क्षेत्र हो या इंजीनियरी,शिक्षण हो या अनुसंधान, उद्यमिता हो या कार्पोरेट जगत,या फिर लोकसेवा,वे जिस भी क्षेत्र में कार्यरत हैं, उन्होंने अपने संस्थान और वास्तव में हमारे देश का गौरव बढ़ाया है|

विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने आह्वान किया कि वे अपने पेशेवर जीवन में हर अवसर का उपयोग, भूख,कुपोषण,और बीमारियों कि समस्या का हल ढूँढने के लिए करें| उन्होंने कहा कि उन्हें यह देखकर बहुत खुशी हो रही है कि पिछले कुछ वर्षों में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान,कानपुर ने खुद को एसी परियोजनाओं से जोड़ा है जिनकी देश के नागरिकों के लिए बहुत लाभकारी होने की संभावना है,जिनमें से कुछ हैं-राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्रबंधन परियोजना;सौर ऊर्जा पहलें;भारतीय रेल के लिए ट्रेन ट्रेकिंग और सुरक्षा प्रणालियाँ;और शून्यविसर्जन शौचालय प्रौद्योगिकी,जो हाल ही में सम्पन्न, इलाहाबाद कुम्भ मेले में बहुत सफल रही|

राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे विकास मॉडल में उच्च,सतत और समावेशी विकास की परिकल्पना की गयी है| इन लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए हमें विज्ञान,अनुसंधान और नवान्वेषण को प्रमुख भूमिका निभाने के लिए सक्षम बनाना होगा| आज नवान्वेषण मात्र विज्ञान अथवा प्रौद्योगिकी का बढ़ाव नहीं है,वरन विकास का एक महत्वपूर्ण कारक है| भारत को ज्ञान की शक्ति का स्रोत बनाने के लिए मूलभूत अनुसंधान और नवान्वेषण को प्रोत्साहन देना तथा उन्नत प्रौद्योगिकियों का विकास जरूरी है| प्रौद्योगिकीय समाधानों की खोज,प्रसार और सुपुर्दगी की प्रक्रिया में तेजी लाने की जरूरत है| उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान,कानपुर नैनो प्रौद्योगिकी,संचार,अंतरिक्ष,लेजर,पदार्थ विज्ञान, पुरातत्व विज्ञान और सांस्कृतिक स्रोत प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में अनुसंधान में अग्रणी है| स्नातक स्तर पर अनुसंधान पर इसका सकेन्द्रण एक नया प्रयास है तथा इससे अनुसंधान की संस्कृति के विकास में सहायता मिलेगी,जिसकी हमें सख्त जरूरत है|

राष्ट्रपति ने कहा कि 2010-20 के दशक को,हमारे देश में नवान्वेषण का दशक घोषित किया गया है| हमने इस वर्ष नवान्वेषण केंद्रित विकास के लिए विज्ञान,प्रौद्योगिकी नीति तैयार की है| इस नीति में निजी क्षेत्र की अधिक सहभागिता को प्रोत्साहित करके अनुसंधान और विकास पर होने वाले खर्च को सही आकार देने की जरूरत पर ज़ोर दिया गया है| इसमें एक ऐसी पारिस्थितिकीय प्रणाली की जरूरत बताई गई है,जहां नवान्वेषण संबंधी गतिविधियों का मार्ग प्रशस्त हो,ज्ञान-साझीदारी की जाए और नवान्वेषण में अधिक निवेश के लिए संसाधनों को जुटाया जाए| इस नीति में जन-केंद्रित दृष्टिकोण अपनाने,नवान्वेषणों को आम आदमी के लिए प्रासंगिक बनाने की जरूरत पर बल दिया गया है| थोड़े से मार्गदर्शन से ही, जमीनी नवान्वेषणों को उपयोगी और व्यवहार्य उत्पादों में विकसित किया जा सकता है| उन्होंने उच्च शिक्षा के मंदिरों का आह्वान किया कि वे इस तरह के नवान्वेषणों को प्रोत्साहन देने के लिए आगे आएँ और कहा कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान,कानपुर का नवान्वेषण एवं उद्भवन केंद्र सही दिशा में एक अच्छी पहल है|

राष्ट्रपति ने कहा कि अधिक कौशल प्राप्त करने तथा अवसरों में विस्तार के लिए प्रमुख विदेशी संस्थानों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने की विद्यार्थियों की लालसा स्वाभाविक है परंतु उन्हें अपनी मातृभूमि के साथ अपना पवित्र रिश्ता बनाए रखना चाहिए| उन्होंने विद्यार्थियों को याद दिलाया कि उनका अपने देश और उसके नागरिकों के प्रति उत्तरदायित्व है|

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने इन्फोसिस लिमिटेड के संस्थापक एवं बोर्ड के अध्यक्ष,श्री एन.आर. नारायणमूर्ति और विख्यात भौतिकीविद,डॉ.अशोक सेन को डॉक्टर ऑफ साइन्स (मानद)की उपाधि प्रदान की|

यह विज्ञप्ति 1630 बजे जारी की गई।