भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (5सितम्बर, 2015)नई दिल्ली में विज्ञान भवन में एक समारोह में देशभर के शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए।
राष्ट्रपति जी ने इस अवसर पर कहा कि शिक्षक दिवस के अवसर पर हम देश भर के उन बहुत से शिक्षकों की समर्पित सेवाओं का सम्मान कर रहे हैं जो बच्चों की बौद्धिक और नैतिक नींव का निर्माण करने और उसे सुदृढ़ करने के कार्य में सक्रिय रूप से शामिल रहे हैं। राष्ट्रपति जी ने आज राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले शिक्षकों को बधाई दी। उन्होंने देश के सभी शिक्षकों को भी बधाई दी तथा उनकी सेवा और समर्पण के प्रति आभार व्यक्त किया।
राष्ट्रपति ने कहा कि वह मानते हैं कि पहले से कहीं अधिक आज हमें अपने बच्चों में त्याग,सहिष्णुता, बहुलता,सद्भावना और करुणा के सभ्यतागत मूल्यों का समावेश करने के लिए प्रेरित शिक्षकों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वह एक प्रेरित शिक्षक को मूल्योन्मुख,मिशन-प्रेरित,आत्म-प्रेरित, स्व-प्रोत्साहित और परिणामोन्मुख व्यक्ति के रूप में परिभाषित करते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे शिक्षकों द्वारा स्वयं को नई दिशा प्रदान करने तथा शिक्षण और अधिगम हेतु प्रासंगिक और प्रभावी नजरिया निर्मित करने के लिए नई पद्धतियां विकसित करने की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि हमें शिक्षकों के नवान्वेषी प्रशिक्षण और पेशागत विकास के लिए संस्थागत सुविधाएं जुटाने के दीर्घकालिक लक्ष्य की दिशा में कार्य करना चाहिए।
यह विज्ञप्ति1445बजे जारी की गई।