भारत के राष्ट्रपति,श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (05 सितंबर, 2016) शिक्षक दिवस के अवसर पर डॉ. राजेन्द्र प्रसाद सर्वोदय विद्यालय, राष्ट्रपति संपदा, नई दिल्ली में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के विभिन्न सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को संबोधित किया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने सभी शिक्षकों और गुरुओं को मुबारकबाद दिया। उन्होंने कहा कि प्राचीन समय में छात्रों को गुरुओं की यह सलाह होगी कि वे सच्चे और नेक बनें और अपने दृढ़निश्चय से विचलित न हों।
राष्ट्रपति ने कहा कि उच्च शिक्षा संस्थानों के कुलाध्यक्ष के रूप में उन्होंने सदैव हमारे देश के उत्साह प्रेरित शिक्षकों की आवश्यकता पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों की कक्षा 9के 74 प्रतिशत छात्र अपनी पाठ्यपुस्तक को नहीं पढ़ पाते हैं और कक्षा 6 से 9 तक के 46 प्रतिशत छात्र को कक्षा 2की पाठ्य पुस्तिका को भी नहीं पढ़ पाते, यह स्थिति शोचनीय है।
राष्ट्रपति ने शिक्षकों से छात्रों की जिज्ञासा को बनाए रखने के लिए आह्वान किया। उन्होंने कहा कि बच्चों द्वारा ऐसे प्रश्न पूछे जाने पर जिनका शिक्षक के पास उत्तर नहीं है, उनकी उपेक्षा नहीं की जानी चाहिए। उन्हें युवा छात्रों के मन मस्तिष्क में वैज्ञानिक विचार-व्यवहार को प्रोत्साहन देना चाहिए और उसे लागू करना चाहिए। छात्रों को स्वीकृत आस्थां और विश्वास से संबंधित चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए। छात्रों के मन में नवोन्मेष की भावना को प्रोत्साहन देना चाहिए। औपचारिक और अनौपचारिक ज्ञान प्रणालियों के बीच व्यवहार्य और स्थिर सेतु का निर्माण किया जाना चाहिए। हमारी प्रणाली का चमत्कार यह है कि हम बहुलवाद के प्रति कटिबद्ध हैं। धर्म, भाषाओं जैसी अनेकताओं के बावजूद सभी भारतीय एक सामान्य धागे में बंधे हुए हैं।
शिक्षकों को संबोधित करने से पहले राष्ट्रपति ने शिक्षक दिवस पर एक शिक्षक की भूमिका निभाई। उन्होंने राष्ट्रपति संपदा में डॉ. राजेन्द्र प्रसाद सर्वोदय विद्यालय में कक्षा 11 और 12 के छात्रों के लिए‘स्वतंत्रता से अब तक भारत की राजनीति’ विषय पर एक कक्षा को पढ़ाया। उसके बाद उन्होंने छात्रों के साथ भी बातचीत की और उनके प्रश्नों के उत्तर दिए।
इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों के बीच श्री मनीष सिसोदिया, दिल्ली के उप मुख्यमंत्री और श्री के.के. शर्मा, दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव उपस्थित थे।
यह विज्ञप्ति 1800 बजे जारी की गई।