भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने समाज के कमजोर और पिछड़े वर्गों के विकास के लिए सरकार, निजी और स्वैच्छिक क्षेत्रों द्वारा एकजुट प्रयास करने का आह्वान किया। उन्होंने ध्यान दिलाया कि भारत सरकार ने अपने कार्यक्रम और नीतियों के माध्यम से समावेशी विकास पर ध्यान देकर जन नीति में एक प्रमुख दिशात्मक बदलाव किया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि पुरस्कृत संगठन अपने जैसे भारत के ग्रामीण और शहरी केन्द्रों में स्थित अन्य सैकड़ों संगठनों को प्रेरित करेंगे।
राष्ट्रपति आज (5 नवम्बर 2012) राष्ट्रपति भवन में वर्ष 2005, 2006 और 2007 के डॉ. दुर्गाबाई देशमुख महिला विकास पुरस्कार प्रदान करने के अवसर पर बोल रहे थे।
2005 का आठवां पुरस्कार संयुक्त रूप से मिजोरम हेमेथाई (विधवा) एसोसिएशन और पीपुल्स फोरम, भुवनेश्वर को प्रदान किया गया। मिजोरम हेमेथाई (विधवा) एसोसिएशन हजारों विधवाओं और बेसहारा महिलाओं तथा सैकड़ों परित्यक्त अनाथ बच्चों की मदद और राहत के लिए कार्य कर रही है। पीपुल्स फोरम, भुवनेश्वर को सैकड़ों मानसिक रोगी महिलाओं को बचाने और पुनर्वास में उल्लेखनीय सेवा और पीड़ित महिलाओं के लिए सराहनीय कार्य करने के लिए पुरस्कृत किया गया।
वर्ष 2006 के लिए नौवां पुरस्कार बेंगलूरु के सुमंगली सेवा आश्रम को दिया गया। सुमंगली सेवा आश्रम के प्रमुख कार्यकलाप परित्यक्त, अनाथ और जरूरतमंद बच्चों की देखभाल, शिक्षा और विकास तथा महिलाओं को सामाजिक-आर्थिक अवसर प्रदान करना है।
वर्ष 2007 का दसवां पुरस्कार रैडलाइट इलाकों की महिलाओं और अन्य निराश्रित महिलाओं के पुनर्वास के लिए उल्लेखनीय कार्य करने के लिए अहमदनगर के स्नेहालय को दिया गया।
इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य लोगों में श्रीमती कृष्णा तीरथ, महिला और बाल विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), भारत सरकार और श्रीमती प्रेमा करिअप्पा, अध्यक्ष, केन्द्रीय सामाजिक कल्याण बोर्ड शामिल थीं।
यह विज्ञप्ति 1900 बजे जारी की गई