भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (5 नवम्बर 2013) सरदार बल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी, हैदराबाद में भारतीय पुलिस सेवा परिवीक्षाधीनों (65 आर.आर - 2012 बैच) की दीक्षांत परेड का अवलोकन किया।
इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि भावी भारत के लिए पुलिस की उनकी परिकल्पना केवल एक कानून लागू करने वाले बल की नहीं वरन् सक्रिय सेवा प्रदाता की है जो प्रगति, विकास तथा शांति में भागीदार हो। पुलिस अधिकारियों के रूप में आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आम आदमी की शिकायतों का समाधान किया जाए। उन्होंने कहा कि इसके लिए पुलिस की भूमिका में बदलाव करके उसे प्रतिक्रियात्मक से सक्रियात्मक एजेंसी बनाना होगा जो कि अन्य भागीदारों के साथ मिलकर एक ऐसा शांतिपूर्ण तथा निरापद परिवेश बनाए जो हमारे देश की प्रगति और समृद्धि के लिए अनुकूल हो। राष्ट्रपति ने कहा कि इन अधिकारियों से उनकी अपेक्षा, हर समय उच्च स्तर के पेशेवराना दक्षता प्रदर्शित करने की तथा यह सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रयास करने की है कि कानून का शासन अक्षरश: लागू हो।
राष्ट्रपति ने कहा कि पुलिस का सिपाही सरकार का दिखाई देने वाला चेहरा होता है इसलिए उनके प्रशिक्षण और विकास तथा उनकी सेवा के हालातों में सुधार पर समुचित ध्यान दिया जाना चाहिए। उनमें उच्च स्तर का अनुशासन, सत्यनिष्ठा तथा समर्पण का समावेश किया जाना अत्यंत जरूरी है।
राष्ट्रपति जी ने अकादमी में इन्डोर खेलकूद परिसर का भी उद्घाटन किया। इस अवसर पर आंध्रप्रदेश के राज्यपाल, श्री ई एस एल नरसिम्हन भी उपस्थित थे।
यह विज्ञप्ति 1230 बजे जारी की गई।