भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (5 नवम्बर 2014) विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में लोक उद्यम संबंधी स्थायी सम्मेलन के असाधारण पुरस्कार प्रदान किए।
इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने व्यावसायिक गतिविधियों के विभिन्न वर्गों में विशिष्ट प्रदर्शनकर्ताओं की पहचान और उन्हें सम्मानित करने के उद्देश्य से स्कोप असाधारण पुरस्कारों की स्थापना की पहल के लिए स्कोप की सराहना की। उन्होंने पर्यावरणीय उत्कृष्टता और सतत विकास,कॉरपोरेट शासन, कारपोरेट सामाजिक दायित्व और प्रतिसंवेदना, अनुसंधान और विकास तथा प्रौद्योगिकी विकास और नवान्वेषण जैसे विभिन्न क्षेत्रों में केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यमों के द्वारा किए जा रहे प्रयासों को सम्मानित करने हेतु ऐसे समारोहों के आयोजन के लिए लोक उद्यम विभाग तथा लोक उद्यमों संबंधी स्थायी सम्मेलन की प्रशंसा की।
राष्ट्रपति ने ‘भारत में निर्माण’ अभियान का विशेष उल्लेख किया, जिसे हाल ही में सरकार ने भारत को सच्चे अर्थों में विश्व स्तरीय, वैश्विक विनिर्माण केन्द्र में बदलने के लिए आरंभ किया है और कहा कि वह मानते हैं कि इसे वास्तविकता बनाने में केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों की प्रमुख भूमिका है। उन्होंने कारोबार के दौरान नवान्वेषण करने की आवश्यकता पर उनका ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा कि निरंतर परिवर्तनशील और गतिशील कारोबारी परिदृश्य नई और अधिक जटिल चुनौतियां प्रस्तुत करता है जिसके लिए नवान्वेषी समाधानों की आवश्यकता होती है।
राष्ट्रपति ने कहा कि केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों ने लगातार अपने कॉरपोरेट सामाजिक दायित्वों को पूरा करने में अत्यंत योगदान दिया है। उन्होंने सामाजिक और आर्थिक नीतियों के कार्यान्वयन में सरकार के साथ सक्रिय साझीदारी की है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि वे सरकार द्वारा शुरू किए गए ‘स्वच्छ भारत’ अभियान तथा अन्य सामाजिक रूप से उन्मुख योजनाओं में अग्रणी बने रहेंगे।
यह विज्ञप्ति1330 बजे जारी की गई।