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राष्ट्रपति जी ने अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय की आधारशिला रखी

राष्ट्रपति भवन : 06-06-2013


भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (6 जून, 2013) भोपाल में, अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय की आधारशिला रखी।

इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि भाषा की सरकार और जनता के बीच महत्त्वपूर्ण भूमिका है। सामाजिक कल्याण तथा विकास कार्यक्रमों की सफलता भाषा पर निर्भर है। इसलिए हमें हिंदी तथा क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देना चाहिए। हिंदी ने सदैव राष्ट्र के एकीकरण में अहम् योगदान दिया है। यह भारत की सामाजिक एवं सांस्कृतिक एकता की प्रतीक है।

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राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा को समाज और देश के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभानी है। हाल ही में महिलाओं तथा बच्चों के प्रति बढ़ते अपराध भारी चिंता का कारण हैं। इसको देखते हुए न केवल उनकी सुरक्षा तथा हिफाजत के कारगर कदम उठाने होंगे बल्कि हमें तत्काल आत्मचिंतन करते हुए अपने समाज में मूल्यों के पतन को रोकने के लिए उपाय करने होंगे। उन्होंने विश्वविद्यालयों का आह्वान किया कि वे वर्तमान नैतिक चुनौतियों का सामना करने के लिए एक सतत् अभियान चलाने में अग्रणी भूमिका निभाएं तथा यह सुनिश्चित करें कि हमारे युवाओं में, देश के प्रति प्रेम; दायित्वों का निर्वाह; सभी के प्रति करुणा; भिन्नता का सम्मान; महिलाओं और बुजुर्गों का आदर; जीवन में सच्चाई और ईमानदारी; आचरण में अनुशासन तथा कर्तव्यों के प्रति जिम्मेदारी की भावना पूरी तरह समाहित हो।

राष्ट्रपति ने कहा कि 2010-20 का दशक नवान्वेषण का दशक घोषित किया गया है। उन्होंने कहा कि हाल ही में उन्होंने उत्तर प्रदेश तथा असम में दो केंद्रीय विश्वविद्यालयों में नवान्वेषण क्लबों का उद्घाटन किया तथा इन विश्वविद्यालयों में आयेजित नवान्वेषण प्रदर्शनियों को देखा। उन्होंने विश्वविद्यालयों का आह्वान किया कि वे सशक्त नवान्वेषण संस्कृति शुरू करने के लिए पहल करें।

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इस अवसर पर ‘अटल संवाद’ नामक संवाद पत्र का लोकार्पण किया गया और उसकी प्रथम प्रति राष्ट्रपति को भेंट की गई।

यह विज्ञप्ति 1415 बजे जारी की गई।