भारत के राष्ट्रपति ने आज (6 सितम्बर, 2013) राष्ट्रपति भवन में एक समारोह में संगीतज्ञ जुबिन मेहता को वर्ष 2013 के लिए वार्षिक सांस्कृतिक सद्भावना पुरस्कार प्रदान किया।
इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि हम न केवल भारत के एक प्रख्यात सपूत को सम्मानित कर रहे हैं बल्कि संगीत को शांति और सद्भावना के साधन में बदलने के उनके कई दशकों के अथक प्रयासों का भी सम्मान कर रहे हैं। जहां भी संघर्ष और अशांति है उन्होंने वहां उम्मीद और विवेक लाने को अपना मिशन बनाया है। जुबिन मेहता के संगीत में सीमाओं के आर-पार पहुंचने की क्षमता है। उन्होंने विश्व संगीत के इतिहास में अपने लिए विशिष्ट स्थान बनाया है।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत के लिए यह गौरव की बात है कि भले ही उन्हें विश्व नागरिक माना जाता हो, उन्होंने अपनी भारतीय नागरिकता कायम रखी है तथा पांचों महाद्वीपों की यात्रा करते हुए अपनी संगीत लहरियों से मंत्रमुग्ध करते हुए वह भारत के सांस्कृतिक दूत हैं। जब वह अपने संगीत के माध्यम से विभिन्न देशों तथा उनके लोगों को सहिष्णुता तथा शांति का संदेश देने के लिए उन तक पहुंचते हैं, हम विश्व समुदायों के बीच एकता और समझ विकसित करने के उनके अथक प्रयासों की सराहना करते हैं। उनका जब्बा तथा समर्पण रवीन्द्रनाथ टैगोर के ‘स्वतंत्रता के उस स्वर्ग’ के स्वप्न की अभिपुष्टि है, जहां विश्व ‘संकीर्ण घरेलू दीवारों’ से विभाजित नहीं है।
इस अवसर पर, केन्द्रीय गृह मंत्री, श्री सुशील कुमार सिंह, केन्द्रीय संस्कृति मंत्री, श्रीमती चंद्रेश कुमारी कटाच तथा संस्कृति मंत्रालय के सचिव, श्री रविन्द्र सिंह भी उपस्थित थे।
यह विज्ञप्ति 1310 बजे जारी की गई।