भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (6 दिसंबर, 2013) पश्चिम बंगाल विधान सभा की प्लेटिनम जुबली के समापन समारोह को संबोधित किया।
इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि स्पर्द्धात्मक राजनीति के परिणामस्वरूप राज्य की प्रगति धीमी नहीं होनी चाहिए अथवा लोगों के कष्टों में वृद्धि नहीं होनी चाहिए। विकास और जन कल्याण के अधिकांश मुद्दे राजनीतिक बाधाओं से ऊपर होते हैं। ऐसे मुद्दों पर सहमति बनाना मुश्किल नहीं होना चाहिए।
राष्ट्रपति ने कहा कि पश्चिम बंगाल विधान सभा ने वर्षों के दौरान अनेक प्रगतिशील कानूनों के माध्यम से पश्चिम बंगाल के लोगों की स्वतंत्रता की वृद्धि में योगदान दिया है तथा समृद्धि को बढ़ाया है। परंतु आत्मतुष्टि के लिए कोई स्थान नहीं है। उसे हमेशा लोगों की बढ़ती आकांक्षाओं पर ध्यान देना होगा। यह सदैव ध्यान रखा जाना चाहिए कि जनता हमारी स्वामी है और हममें से हर एक यहां इसलिए मौजूद है क्योंकि हमने उनसे वोट मांगे हैं और उनका समर्थन हासिल किया है।
राष्ट्रपति ने कहा कि अब समय आ गया है कि पश्चिम बंगाल को एक बार फिर नवान्वेषी समाधान खोजने तथा सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देने के नए तरीकों की खोज में आगे आना चाहिए। पश्चिम बंगाल विधान सभा के सदस्यों को एकता, संकल्प और दीर्घकालिक परिकल्पना के साथ, लोगों के सम्मुख खड़ी चुनौतियों का सीधा मुकाबला करना चाहिए। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि पश्चिम बंगाल विधान सभा अपनी उच्च परंपराएं बनाए रखेगी और राज्य को समृद्धि और प्रगति के पथ पर आगे बढ़ाएगी।
यह विज्ञप्ति 1550 बजे जारी की गई।