केंद्रीय विश्वविद्यालयों, राष्ट्रपति जिनके कुलाध्यक्ष हैं, के कुलपतियों का दो दिवसीय सम्मेलन 7 फरवरी, 2014 को राष्ट्रपति भवन में संपन्न हुआ। कुलपतियों ने सम्मेलन की कार्यसूची की तीन मदों पर सिफारिशें अंगिकार की अर्थात् (1) उद्योगों के साथ अंतर्सम्बंधों के निर्माण द्वारा केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के उपाय, (2) रैंकिंग एजेंसियों के साथ संपर्क, तथा (3) उच्च शिक्षा में सुगम्यता, समता और गुणवत्ता के लिए प्रौद्योगिकी का प्रयोग।
समापन सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए ‘सर्वोत्तम विश्वविद्यालय’, ‘नवान्वेषण तथा अनुसंधान’ श्रेणियों में कुलाध्यक्ष पुरस्कारों की स्थापना की घोषणा की।
राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें यह जानकर खुशी हो रही है कि इस कैलेंडर वर्ष के दौरान काफी बड़ी संख्या में संकाय रिक्तियों को भरना संभव होगा। उन्होंने विश्वविद्यालयों का आह्वान किया कि वे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के विभिन्न कार्यक्रमों का उपयोग करते हुए इस कमी को पूरा करने के लिए विदेशों सहित, सहयोगी संकाय नियुक्त करें।
राष्ट्रपति ने कहा कि वह केंद्रीय विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों एवं संकाय सदस्यों से वर्ष में दो बार बात करेंगे। वह समय-समय पर प्रेरक शिक्षकों से ई-संवाद भी स्थापित करेंगे। राष्ट्रपति ने केन्द्रीय विश्वविद्यालयों का आह्वान किया कि वे अपने पूर्व विद्यार्थियों की प्रतिभा का उपयोग करते हुए उन्हें केंद्रीय विश्वविद्यालयों के शासन से जोड़ें।
राष्ट्रपति ने केन्द्रीय विश्वविद्यालयों का आह्वान किया कि वे सूचना एवं संचार नेटवर्क का यथासंभव अधिकाधिक उपयोग करें तथा अंतिम स्थान पर संयोजन की समस्या का तेजी से समाधान करें।
राष्ट्रपति ने कहा कि प्रत्येक केंद्रीय विश्वविद्यालय को संयुक्त अनुसंधान, संकाय आदान-प्रदान आदि सहयोगात्मक गतिविधियों के मार्गदर्शन के लिए स्थानीय उद्योग, उद्योग एसोसियेशनों, पूर्व छात्रों तथा संकाय के प्रतिनिधियों को शामिल करके एक उद्योग संवाद सेल गठित करनी चाहिए। उन्होंने उद्योगों से यह भी कहा कि वे पाठ्यचर्या तैयार करने तथा ई-शिक्षण के लिए मुक्त स्रोत सामग्री तैयार करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएं।
समापन सत्र में केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री, डॉ. पल्लम राजु तथा मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री, डॉ. शशि थरूर उपस्थित थे।
यह विज्ञप्ति 1730 बजे जारी की गई।