भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (7 मार्च, 2013) राष्ट्रपति भवन के क्रीड़ा प्रांगण में 7वें द्विवार्षिक जमीनी नवाचार पुरस्कार प्रदान किए और नवाचारों की प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्रीय नवाचार फाउंडेशन द्वारा हजारों हनी बी नेटवर्क सदस्यों के योगदान से पिछले एक दशक के दौरान, जो उपलब्धियां प्राप्त की गई है वह प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि शोध यात्राओं, सामाजिक संबद्धता के लिए एक नया मुहावरा, के माध्यम से विभिन्न गांवों तक जमीनी स्तर तक पहुंच बनाई गई है। उन्होंने कहा कि सृजनात्मक व्यक्तियों को उनके दरवाजे पर ही सम्मान प्रदान करने से यह संदेश जाता है कि देश को उन लोगों के समृद्ध ज्ञान की भी जरूरत है जो कि अन्यथा कम जाने-पहचाने जाते हैं।
राष्ट्रपति ने सभी नवान्वेषकों की उनके भावी प्रयासों में सफलता की कामना की और यह उम्मीद व्यक्त की कि वे अपने पर्यावरण पर दुष्प्रभाव डाले बिना, बेगारी कम करने, दक्षता बढ़ाने, तथा जनता के जीवन स्तर में सुधार करने के लिए प्रयास करते रहेंगे।
डॉ. आर.ए. माशेलकर, अध्यक्ष, राष्ट्रीय नवाचार फाउंडेशन ने राष्ट्रपति को ‘इन्डिया इन्नोवेट्स’ नामक पुस्तक भेंट की।
इस अवसर पर श्री एस. जयपाल रेड्डी, केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री, डॉ. आर.ए. माशेलकर, अध्यक्ष, राष्ट्रीय नवाचार फाउंडेशन, प्रो. अनिल के. गुप्ता, कुलपति, राष्ट्रीय नवाचार परिषद तथा डॉ. टी. रामासामी, सचिव, विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग उपस्थित थे।
यह विज्ञप्ति 1730 बजे जारी की गई