भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (7 जून, 2013) नरसिंहपुर, झोतेश्वर में शंकराचार्य नेत्रालय का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि देश में नेत्रहीनता के मामलों में कमी लाने, आंखों की देखभाल की सुविधाओं की स्थापना करने तथा इसके लिए मानव संसाधनों के विकास के लिए 1976 में अंधता नियंत्रण का राष्ट्रीय कार्यक्रम शुरू किया गया था। इससे मोतियाबिंद का ऑपरेशन करने, स्कूली बच्चों की आंखों का परीक्षण करने तथा दान में दी गई आंखों को इकट्ठा करने के मामले में सफलता मिली है। परंतु अभी बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है। देश में आंखों की देखभाल की सुविधा बढ़ाने के सरकारी प्रयासों में गैर-सरकारी क्षेत्र के सहयोग की भी जरूरत है।
राष्ट्रपति ने कहा कि चिकित्सा में सूचना प्रौद्योगिकी का पूर्ण उपयोग किया जाना चाहिए। टेली-मेडिसिन परियोजना के द्वारा दूर-दराज के स्वास्थ्य केंद्र सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों से जोड़े गए हैं। इससे विशेषज्ञों की सेवा जरूरतमंद और पिछड़ी हुई आबादी तक पहुंचाने में मदद मिली है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवा में प्रौद्योगिकी के अधिकाधिक प्रयोग की कोशिश होनी चाहिए।
यह विज्ञप्ति 1350 बजे जारी की गई।