भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने भारतीय वायु सेना को इसकी83वीं वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर (08अक्तूबर 2015) पर बधाई दी।
अपने संदेश में राष्ट्रपति जी ने कहा है, ‘मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि भारतीय वायु सेना08 अक्तूबर, 2015को 83वीं वर्षगांठ मना रहा है।
भारतीय वायु सेना अपने आठ दशक के महान इतिहास के दौरान हमारे राष्ट्र की संप्रभुता की रक्षा करते हुए भारतीय आकाश में अग्रणी रहा है। भारतीय वायु सेना वर्षों से नए अभिग्रहण और अत्यधिक अचूक हथियारों के साथ एक प्रमुख बल बन चुकी है। आज भारतीय वायु सेना को विश्व में एक सर्वोच्च दर्जा दिया जाता है तथा इसने सामरिक पहुंच और सटीक लक्ष्य की क्षमता हासिल कर ली है।
वर्तमान विश्व व्यवस्था में, भारतीय वायु सेना की भूमिका युद्ध लड़ने तक सीमित नहीं है बल्कि राष्ट्रीय आपदाओं के दौरान समय पर सहायता प्रदान करना भी है। विगत में अनेक अवसरों पर प्राकृतिक आपदाओं के दौरान, भारतीय वायु सेना समय पर सहायता और राहत प्रदान करने में अग्रणी रही है। यमन से हमारे देशवासियों को विमानों से निकालने,श्री नगर में आकस्मिक बाढ़ के दौरान लोगों को बचाने तथा भीषण भूकंप के बाद नेपाल के लोगों को सहायता प्रदान करने के भारतीय वायु सेना के हाल के प्रयास सराहनीय हैं। यह भारतीय वायु सेना के शौर्य,साहस और प्रतिबद्धता की महान विरासत का प्रमाण हैं। राष्ट्र अपनी नि:स्वार्थता और बलिदान के लिए वायु योद्धाओं के प्रति ऋणी रहेगा। मुझे विश्वास है कि आधुनिकीकरण की निरंतर प्रक्रिया भारतीय वायु सेना को और अधिक सशक्त तथा सामरिक ताकत में बदल देगी तथा यह समर्पण और प्रतिबद्धता के साथ राष्ट्र की सेवा करती रहेगी।
इस अवसर पर, मैं भारतीय वायु सेना के सभी कार्मिकों,असैन्य कर्मियों तथा उनके परिजनों को अपनी हार्दिक बधाई देता हूं। मुझे वर्षों से भारतीय वायु सेना द्वारा प्राप्त उपलब्धियों पर गर्व है और मैं इसके सभी भावी प्रयासों के निरंतर सफल होने की कामना करता हूं।
यह विज्ञप्ति1820बजे जारी की गई।