राष्ट्रपति ने अपने समापन उद्बोधन में कहा, भारत को एक उच्च शिक्षा गंतव्य के रूप में उभरना चाहिए।
प्रथम त्रिदिवसीय कुलाध्यक्ष सम्मेलन कल (6 नवम्बर, 2015) राष्ट्रपति भवन में सम्पन्न हुआ।
समापन सत्र को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति ने आशा व्यक्त की कि अगले वर्ष तक विश्व के सर्वोच्च 200 में भारत के कम से कम पांच केंद्रीय उच्च शिक्षा संस्थान शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि भारत को एक उच्च शिक्षा संस्थान के रूप में उभरना चाहिए। उन्हें विश्वास है कि केंद्रीय उच्च शिक्षा संस्थान अब नए शिखर छूने के लिए तैयार है।
राष्ट्रपति ने उपस्थितजनों से संस्थान के नियंत्रणाधीन उन पहलों को अलग करने का आग्रह किया जिनके लिए निधि की आवश्यकता नहीं है और जिनके लिए अतिरिक्त निधि की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इनमें से कुछ पाठ्यचर्या का नियमित अद्यतन और संशोधन, नई पद्धतियां अपनाकर अध्यापन गुणवत्ता सुधारना, विद्यार्थियों के चरित्र और मूल्य प्रणाली का निर्माण करने वाली शिक्षा प्रदान करना, वर्तमान ढांचे का बेहतर रखरखाव तथा उपयोग आदि हैं। उन्होंने बल दिया कि यदि हम इन पर नई ऊर्जा के साथ कार्य कार्य करें तो परिणाम अत्यंत सार्थक होंगे। उन्होंने कहा कि हम अनुसंधान सहयोगों के वित्त पोषण के लिए बुनियादी नवान्वेषण और पारंपरिक ज्ञान के कार्यान्वयन के रूप में वैश्विक अनुसंधान नेटवर्क आरंभ करने के बारे में विचार कर सकते हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि केन्द्रीय उच्च शिक्षा संस्थानों के शासी ढांचे में पूर्व छात्रों की भागीदारी बढ़ाने की संभावना देखते हुए, प्रायोजित अनुसंधान वृत्ति, पीठों की स्थापना, दान तथा संकाय भर्ती तेज करने के माध्यम से परस्पर कार्य के क्षेत्र का विस्तार करने की आवश्यकता है। उन्होंने मानव संसाधन विकास मंत्री से मौजूदा प्रशासनिक और विधिक प्रणालियों के अनुरूप समझौते करने के लिए केंद्रीय उच्च शिक्षा संस्थानों की मदद के लिए एक सक्रिय एकल खिड़की की शीघ्र स्थापना करने का आग्रह किया।
राष्ट्रपति ने कहा कि नवान्वेषक, उद्यमी और वित्त प्रदाता नवान्वेषण प्रणाली के तीन महत्त्वपूर्ण स्तंभ हैं। ‘स्टार्ट-अप भारत, स्टैंड-अप भारत’ के संदर्भ में उद्यमशीलता एक नया आयाम हासिल कर लेगा।
समापन सत्र में उपस्थित गणमान्यों में श्री नितिन गडकरी, केंद्रीय नौवहन, सड़क परिवहन तथा राजमार्ग मंत्री, श्रीमती स्मृति जुबिन इरानी, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री तथा श्री हंसराज गंगाराम अहीर, रासायनिक और उर्वरक राज्य मंत्री शामिल थे।
यह विज्ञप्ति 1100 बजे जारी की गई।