भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (07 नवंबर, 2016) राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रीय नवान्वेष फाउंडेशन द्वारा आयोजित इग्नाइट प्रतियोगिता में विजेता बच्चों को डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम इग्नाइट पुरस्कार प्रदान किया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें बताया गया था कि इस वर्ष इग्नाइट पुरस्कारों के लिए देश के 458 जिलों से 55,000 से अधिक आवेदक थे। पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं के लिए एक बहुत ही विशेष अहसास यह होता है कि वे चुने गए कुछ लोगों में से हैं। तथापि जो सूची में नहीं हैं उनको अपना हृदय छोटा नहीं करना चाहिए। सबसे अधिक महत्व समृद्ध, विविध और उर्वर विचारों को पूर्ण बनाने का है। यदि इस प्रकार का कोई विचार हमारे समाज के लिए एक महत्वपूर्ण अंतर कायम करता है तो कोई कुछ भी नहीं कह सकता।
राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय नवोन्वेष फाउंडेशन (एनआईफ) के युवा प्रतिभाओं को चिह्नित करने, मान्यता देने और सफलता पूर्वक पोषित करने की सराहना की जिसमें ग्रामीण आदिवासी और अन्य दूर दराज के क्षेत्रों से लोग शामिल थे। उन्होंने कहा कि इंस्पायर मानक में एमआईए के साथ साझेदारी में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की योजना पिछले दशक में एनआईफ और हनी बी नेटवर्क द्वारा विकसित इग्नाइट मॉडल को प्रोत्साहित करेगी।
राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे देश में एक नवान्वेषी पारितंत्र प्रणाली सृजन करने की आवश्यकता है। अटल नवोन्वेष मिशन सरकार की एक बहुत महत्वपूर्ण पहल है जिसका उद्देश्य पूरे देश में नवोन्वेष और स्टार्ट अप्स को बढ़ाना है। इस दिशा में बच्चों की सृजनशीलता को बाहर निकालना एक महत्वपूर्ण कदम है। आतुर युवाओं को नवीकरणीय ऊर्जा से भरने के लिए परिवर्तन प्रयोगशालाएं स्थापित की जा रही है। उन्होंने सृजनशील और नवोन्वेषी बच्चों और अन्य ऐसे मस्तिष्कों को मान्यता देने के लिए रास्ते निकालने के लिए शिक्षाविदों, कॉरपोरेट और सामुदायिक नेताओं का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि वे आश्वस्त हैं कि सामूहिक प्रयासों का समेकित नवोन्वेषण पारितंत्र प्रणाली पर दूरगामी प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने उच्च शिक्षा संस्थाओं का नवान्वेषण क्लब ढूंढने, प्रसार करने और नवोन्वेषों का जश्न मनाने के लिए नवोन्वेष क्लब गठित करने और अपूरणीय सामाजिक आवश्यकताओं को समझने के लिए आह्वान किया। आज उच्च शिक्षा के 86 केंद्रीय संस्थानों में प्रत्येक स्कूल में भी इसी प्रकार के नवोन्वेष क्लब स्थापित करने का समय आ गया है।
राष्ट्रपति ने कहा कि इस पुरस्कार प्रदान करने के समारोह से पहले प्रदर्शनी पर सृजनात्मक विचारों और नवोन्वेष की प्रदर्शनी की श्रृंखला को देखते हुए वे बड़े खुश थे। ये प्रदर्शनियां केवल हमारी विविधता को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध नहीं हैं बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों को लाभ पहुंचाने के लिए भी हैं। उन्होंने बहुत अच्छी परिकल्पना की कि इनमें से कुछ का आशय कमजोर लोगों को विकासात्मक प्रक्रिया में शामिल करने का था। वे सहायता प्राप्त ना करने वाले जमीनी नवोन्वेष की क्षमता बढ़ाते हैं। इस अवसर पर उपस्थित गणमान्यों में श्रीमती मेनका गांधी, महिला एवं केंद्रीय बाल विकास मंत्रालय; डॉ हर्षवर्द्धन, केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री; प्रोफेसर आशुतोष शर्मा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग और प्रोफेसर अनिल के गुप्ता प्रमुख कार्यकारी उपाध्यक्ष, राष्ट्रीय नवोन्वेषण फाउंडेशन उपस्थित थे।
यह विज्ञप्ति1930 बजे जारी की गई।