भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (7 दिसंबर, 2013) जंगीपुर में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय मुर्शिदाबाद केंद्र के बी.एड. पाठ्यक्रम का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि मुर्शिदाबाद में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के केंद्र को भारत की आधुनिक शिक्षा की एक महान विभूति और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के संस्थापक सर सैयद अहमद खान की महान विरासत को आगे बढ़ाने के लिए आरंभ किया गया था। इसकी स्थापना ने शैक्षिक पिछड़ेपन और सामाजिक उपेक्षा की बुराई से लड़ने की राष्ट्र की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया। केन्द्र ने तभी से इस क्षेत्र के लोगों की लम्बे समय से अपेक्षित शैक्षिक आकांक्षाओं को पूरा किया है। इसने लाभकारी जीविकोपार्जन अपनाने के लिए युवाओं की क्षमता को बढ़ाने में भी मदद की है। उन्होंने उम्मीद व्यक्त की कि इससे शिक्षा में समानता, पहुंच और समावेशन के राष्ट्रीय लक्ष्य की प्राप्ति में महत्त्वपूर्ण योगदान मिलेगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि विशेषकर सुदूर इलाकों में उच्च शिक्षा तक अधिक पहुंच समय की जरूरत है। सुगम्यता और वहनीयता समावेशन के लिए आवश्यक है। सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछड़ी पृष्ठभूमि के मेधावी विद्यार्थियों के लिए उच्च शिक्षा को वहनीय बनाने के लिए छात्रवृत्तियों, विद्यार्थी-ऋण तथा स्वयं-सहायता योजना जैसे उपाय आवश्यक हैं। समावेशी शिक्षा से न केवल उच्च शिक्षा में प्रवेश दर बढ़ाने बल्कि इस प्रणाली द्वारा तैयार स्नातकों की गुणवत्ता भी बढ़ेगी। उन्होंने देश के वंचित और शैक्षिक रूप से पिछड़े क्षेत्रों को राष्ट्रीय मुख्य धारा में लाने के उद्देश्य से केंद्र स्थापित करने के लिए अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की सराहना की।
यह विज्ञप्ति 1700 बजे जारी की गई।