भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (7 दिसंबर, 2014) गुड़गांव के वजीरपुर गांव में भारत सेवाश्रम संघ के प्रार्थना हाल की आधारशिला रखी और वृद्धाश्रम तथा प्रणव-नंदा इंटरनेशनल स्कूल के भवन का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि संघ द्वारा 2017में अपने शताब्दी वर्ष के उपलक्ष में, इस समारोह के साथ शुरू होने वाले बहुत से समारोहों की शुरुआत की जा रही है। भारत सेवाश्रम संघ की स्थापना श्रीमत स्वामी प्रणवानंद जी महाराज द्वारा की गई थी। स्वामी प्रणवानंद जी का जन्म 1896 में वर्तमान बांग्लादेश के बाजितपुर में हुआ था। कम उम्र में ही उन्होंने बंगाल में क्रांतिकारी आंदोलनों में भाग लिया तथा 1924 में 28 वर्ष की आयु में संन्यास की दीक्षा ली। स्वामी जी के लिए भारत सेवाश्रम संघ समाज को अन्याय, असमानता,पिछड़ेपन तथा अंधविश्वासों से मुक्ति का माध्यम था।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत सेवाश्रम संघ की अब तक एक सौ शाखाएं तथा 550 उप-यूनिटें अथवा मिलन मंदिर हैं। देश से बाहर यू.के., संयुक्त राज्य अमरीका, कनाड़ा तथा अन्य स्थानों पर इसकी 23 शाखाएं हैं जो वैदिक दर्शन तथा हमारे देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रचार-प्रसार करती हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत सेवाश्रम संघ पूरे देश में विभिन्न कल्याणकारी गतिविधियों का संचालन कर रहा है। यह समग्र जनता, खासकर आर्थिक रूप से पिछड़े तथा उपेक्षित वर्गों, के विकास की दिशा में योगदान दे रहा है। यद्यपि ये पहलू सरकार के सर्वोच्च सरकारी कल्याणकारी एजेंडा में शामिल हैं परंतु इस दिशा में गैर-सरकारी एजेंसियों द्वारा भी सहयोग दिया जा सकता है। भारत सेवाश्रम संघ स्वास्थ्य, शिक्षा और स्व-रोजगार के सेक्टरों में योगदान कर रहा है। स्वास्थ सेवाश्रम संघ द्वारा कई अस्पताल क्लिनिक तथा मोबाइल औषधालय संचालित किए जा रहे हैं। राष्ट्रपति ने यह याद किया कि उन्होंने वर्ष 2010 में कोलकाता में बहु-विशेषज्ञता अस्पताल का उद्घाटन किया था। उन्होंने कहा कि भारत सेवाश्रम संघ ने पिछले वर्ष उत्तराखंड तथा हाल ही में जम्मू-कश्मीर में आई विनाशकारी बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान बचाव और राहत कार्य में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
यह विज्ञप्ति 1540 बजे जारी की गई