भूटान के प्रधानमंत्री, श्री ल्योंचेन जिग्मी वाई थिनले ने आज (8 फरवरी, 2013) भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की। राष्ट्रपति ने श्री थिनले को भारत का एक पुराना सम्माननीय मित्र बताते हुए कहा कि भारत-भूटान के संबंधों को मजबूत करने में उनके दीर्घकालीन मजबूत व्यक्तिगत समर्थन पर तथा भूटान के लोकतांत्रिक रूप से चुने गए प्रथम प्रधानमंत्री होने पर भारत को गर्व है। उन्होंने भूटान की सरकार और उसकी जनता को लोकतांत्रिक बदलाव के लिए तथा 2008 से लोकतांत्रिक मूल्यों और संस्थाओं को मजबूती प्रदान करने के लिए बधाई दी।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत की सरकार तथा जनता को इस वर्ष के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भूटान नरेश को देखकर बहुत प्रसन्नता हुई। उन्होंने व्यापक, बहुपक्षीय, पारस्परिक लाभदायक सहयोग पर आधारित भारत-भूटान के शानदार द्विपक्षीय संबंधों पर संतोष प्रकट किया। उन्होंने कहा कि भारत की इच्छा तथा इरादा आर्थिक सहयोग और द्विपक्षीय संबंधों के धरातल को और मजबूत करने, उसे व्यापक बनाने तथा सुदृढ़ करने की है।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत सदैव भूटान की इच्छाओं, आकांक्षाओं और उम्मीदों के प्रति संवेदनशील रहा है तथा उम्मीद व्यक्त की कि भूटान भी भारत की चिंताओं के प्रति संवेदनशील रहेगा।
श्री थिनले ने राष्ट्रपति के उद्गारों का गर्मजोशी से उत्तर देते हुए, भारत को अपना सबसे महत्त्वपूर्ण सहयोगी बताया। भूटान की शांति, स्थाईत्व, समृद्धि और खुशहाली, सभी कुछ इस बात पर निर्भर करती है कि यह भारत के साथ अपने विशेष हितों को कैसे बनाए रखता है। भूटान का भविष्य भारत के भविष्य के साथ जुड़ा हुआ है। भूटान, भारत के साथ संबंधों को सशक्त और गहन करना चाहता है। भारत आने का उनका उद्देश्य, भूटान के विकास में भारत द्वारा दिए जा रहे भारी सहयोग तथा भारत द्वारा भूटान के साथ द्विपक्षीय संबंधों को दिए जा रहे उच्च महत्त्व के लिए कृतज्ञता ज्ञापित करना है।
यह विज्ञप्ति 1320 बजे जारी की गई