भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (8 मार्च, 2013) राष्ट्रपति भवन में, स्वर्गीय श्री साहिर लुधियानवी की जन्म-जयंती के अवसर पर एक स्मारक डाक टिकट जारी किया।
इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि स्वर्गीय श्री साहिर लुधियानवी की ख्याति एक ऐसे जन-कवि के रूप में थी, जिसने आम आदमी के जीवन के उतार-चढ़ावों पर बहुत गहनता तथा आत्मानुभूति के साथ लिखा। प्रेम और सुंदरता पर कविताएं लिखने के कारण, उन्हें युवाओं का कवि कहा गया। उन्होंने तत्कालीन मूल्यों और सामाजिक सरोकारों पर बहुत संवेदना के साथ लिखा।
राष्ट्रपति ने कहा कि साहिर का एक महानतम योगदान उर्दू काव्य को फिल्मों से जोड़ना था। उन्होंने फिल्म लेखक एसोसियेशन के माध्यम से गीतकारों की मान्यता के लिए भी लड़ाई लड़ी। डाक टिकट जारी करके, उनकी मृत्यु के 33 वर्ष बाद उनका जन्मदिन मनाया जाना, इस बात का प्रतीक है कि वे आज भी अपनी कविता और गीतों के माध्यम से लोगों के दिलों में जिंदा हैं।
इस अवसर पर केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री, श्री कपिल सिब्बल तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री मनीष तिवारी भी मौजूद थे।
यह विज्ञप्ति 1145 बजे जारी की गई