भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (8 मार्च, 2013) विज्ञान भवन में आयेजित एक समारोह में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर स्त्री शक्ति पुरस्कार 2012 प्रदान किए।
इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने देश भर में महिलाओं का हार्दिक बधाई दी और हमारे महान देश के निर्माण में उनके बहुमूल्य योगदान के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि इस मौके पर हम केवल उन महिलाओं की ही सराहना नहीं कर रहे हैं जिन्हें स्त्री शक्ति पुरस्कार प्रदान किए गए हैं बल्कि उन सभी महिलाओं की भी सराहना कर रहे हैं जिन्होंने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर हमारे देश में सामाजिक विकास के लिए कार्य किया है और योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की विशेष खुशी है कि रानी लक्ष्मी बाई पुरस्कार ‘निर्भया की हिम्मत’ को दिया गया है।
राष्ट्रपति ने कहा कि महिलाओं के सशक्तीकरण को केवल लैंगिक समानता की दिशा में हमारे प्रयासों का एक हिस्सा ही नहीं माना जाना चाहिए बल्कि राष्ट्र निर्माण में उनकी पूर्ण सहभागिता को प्रेरित करने की दिशा में एक कदम माना जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करने का प्रयास करना चाहिए कि हमारे देश में महिलाएं हर समय सुरक्षित और निरापद महसूस करें।
राष्ट्रपति ने भारत के सभी नागरिकों का आह्वान किया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में भारत की हर एक महिला के लिए सुनिश्चित, संवैधानिक अधिकारों के पूर्णत: व्यापक कार्यान्वयन के लिए प्रयास करें।
उन्होंने सभी पुरस्कार विजेताओं को उनके द्वारा किए गए शानदार कार्य के लिए तथा महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को इस समारोह के आयोजन के लिए बधाई दी।
यह विज्ञप्ति 2000 बजे जारी की गई