भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (8 मार्च, 2014) अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में स्त्री शक्ति पुरस्कार 2013 प्रदान किए।
इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि घर संभालने वाली पत्नी, भारत को भावी पीढ़ियों की माताओं, शिक्षकों, जमीनी व्यावसायिकों तथा कोरपोरेट की दुनिया में उच्च पदों पर कार्यकारी अधिकारियों के रूप में, महिलाओं ने अपने व्यक्तिगत प्रयासों से आज के भारत के निर्माण में अपना छोटा-बड़ा सभी तरह का योगदान दिया है। जीवन के सभी क्षेत्रों में सम्माननीय व्यावसायिकों के रूप में, महिलाओं ने विज्ञान, अंतरिक्ष खोज तथा अनुसंधान, सभी में अपना अच्छा स्थान बनाया है। उन्होंने कृषि क्षेत्र की महिलाओं का विशेष उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इस सेक्टर में महिलाएं भारत की खाद्य सुरक्षा का मुख्य आधार हैं तथा बहुत सी महिला श्रमिक जो पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर एक-एक ईंट को जोड़कर हमारे देश की भौतिक अवसंरचना को खड़ा करने के लिए कार्य कर रही हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि नए कानूनों को, भले ही वे कितने अच्छी तरह से तैयार किए गए हों, कुशल कार्यान्वयन व्यवस्थाओं का समर्थन मिलना चाहिए। हमारी मानसिक तथा नैतिक दिशाओं की, हमारे शहरी जज्बे की तथा हमारे सामाजिक आचरण की दिशा का फिर निर्धारण की जरूरत है। हमें अपनी माताओं और बहनों को यथोचित सम्मान प्रदान करने की अपनी परंपरा में फिर से जान डालनी होगी और ऐसा करके हम खुद का ही सम्मान करेंगे।
यह विज्ञप्ति 1315 बजे जारी की गई।