भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के जन्म दिवस के अवसर पर अपने संदेश में कहा है:-
‘गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के जन्म दिवस के अवसर पर मैं देशवासियों के साथ इस ऐसे महान राष्ट्रवादी तथा चिंतक को श्रद्धांजलि देता हूं जो अपने समय से कहीं आगे था।
टैगोर पुनर्जागरण की शख्सियत थे। ऐसी आत्माएं न केवल अपने समय को प्रकाशमान करती हैं वरन् मानवता के लिए प्रेरणा बनी रहती हैं।
टैगोर, एक सम्मानित कवि, लेखक, चित्रकार, राष्ट्रगान के रचयिता तथा साहित्य के क्षेत्र में प्रथम नोबेल विजेता होने के साथ-साथ एक ऐसे विश्व नागरिक थे जिनका यह मानना था कि हम अपनी संस्कृति का प्रचार दूसरों की संस्कृति का सम्मान करते हुए भी कर सकते हैं। उनका मानना था कि सार्वभौमिक मूल्यों का आदर करने और अपने स्वयं के मूल्यों का पालन करने के बीच कोई विरोधाभास नहीं है।
समय गुजरने के बावजूद, गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर का सौहार्द, शांति, प्रेम और सद्भावना का दर्शन तथा ‘एक विश्व’ का स्वप्न आज भी प्रासंगिक बना हुआ है। आधुनिक भारत की महानतम् सृजनात्मक प्रतिभाओं में से एक, टैगोर की विरासत सदैव कायम रहेगी।’
यह विज्ञप्ति 1015 बजे जारी की गई।