भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने कहा है,भारत मध्य पूर्वी क्षेत्र में फैली अस्थिरता जिसके परिणामस्वरूप दक्षिण एशिया सहित पूरे विश्व में आतंकवादी गतिविधियां बढ़ी हैं, के प्रति चिंतित है। वह 10 अक्तूबर से 15 अक्तूबर, तक जॉर्डन, फिलिस्तीन और इस्राइल की अपनी यात्रा की पूर्व संध्या पर जॉर्डन टाइम्स के लिखित प्रश्नों के उत्तर दे रहे थे।
राष्ट्रपति ने कहा कि सीरिया और ईराक सहित आतंकवाद का वैश्विक विस्तार तथा आतंकवाद की बढ़ती शृंखला का वैश्वीकरण भारत के लिए गहरी चिंता का विषय है। भारत ने लगभग चार दशकों से आतंकवाद का सामना किया है, जिसे सीमा पार से अधिकाधिक समर्थन मिला है। भारत ने आतंकवाद के इस दावे को चुनौती देने और उसे अस्वीकार करने की कोशिश की है कि वैश्विक आतंकवाद विरोधी प्रयासों का लक्ष्य कोई विशेष धर्म या जातीय समूह है। भारत को विश्वास है कि सुदृढ़, प्रवर्तनीय अंतरराष्ट्रीय विधिक व्यवस्था सहित व्यापक, समन्वित अंतरराष्ट्रीय सहयोग से आतंकवाद समाप्त किया जा सकता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और जॉर्डन के क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मसलों पर समान विचार और दृष्टिकोण रहे हैं, जिसमें सीरिया और मध्य पूर्व शांति प्रक्रिया भी शामिल है। भारत धार्मिक कट्टरता और उग्रवाद के साथ-साथ सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद का पुरजोर विरोध करता है। दोनों देशों के समान सुरक्षा हितों को लेकर भारत सुरक्षा और आतंकवाद-प्रतिरोध के क्षेत्र में सहयोग को और आगे बढ़ाने की उम्मीद करता है।
यह विज्ञप्ति1220 बजे जारी की गई।