पाकिस्तान के इस्लामी गणराज्य की सीनेट के अध्यक्ष श्री सैयद नैयर हुसैन बोखारी के नेतृत्व में एक संसदीय शिष्टमंडल ने कल (7 दिसम्बर, 2012) को राष्ट्रपति, प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की।
शिष्टमंडल का स्वागत करते हुए, राष्ट्रपति ने दोनों देशों की संसदों के बीच व्यापक बातचीत पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के निर्वाचित प्रतिनिधियों को बेहतर पड़ोसी के संबंध स्थापित करने के प्रयासों में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभानी है। उनका कहना था कि भारत दोनों देशों के बीच और अधिक जन संपर्क चाहता है क्योंकि दोनों देशों में शांति स्थापित करने और उसे मजबूत करने का यह एक सशक्त तरीका है।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत, पाकिस्तान के साथ मैत्रीपूर्ण और सहयोगात्मक संबंध चाहता है। उन्होंने वर्ष के अंत तक व्यापार को पूरी तरह सामान्य करने के प्रयासों तथा भारत से आयात की नकारात्मक सूची को समाप्त करने के पाकिस्तान के निर्णय की सराहना की। उन्होंने कहा कि अधिक पेचीदा और मुश्किल मुद्दों से निपटने के लिए उपयुक्त अनुकूल माहौल बनाने की आवश्यकता है। आतंकवाद अमन-चैन के लिए सबसे बड़ा खतरा है। आतंकवाद किसी सीमा की नहीं मानता और भयंकर विनाश करता है। आतंकवाद से दुनिया में कोई सुरक्षित नहीं है। इसके अनियंत्रित होने से पहले ही कार्रवाई करनी होगी।
पाकिस्तानी शिष्टमंडल के नेता ने कहा कि संसदीय शिष्टमंडलों के आदान-प्रदान से रिश्तों में सुधार आएगा। उन्होंने संवाद दोबारा शुरू किए जाने का स्वागत करते हुए कहा कि द्विपक्षीय व्यापार दोनों पक्षों के लिए लाभकारी होगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान भी आतंकवाद का सामना कर रहा है। उनकी नेता बेनजीर भुट्टो आतंकवादी हमले का शिकार हो गई। केवल एक देश आतंकवाद को दूर नहीं कर सकता। पूरे विश्व को आतंकवाद के विरुद्ध लड़ना होगा।
यह विज्ञप्ति 1315 बजे जारी की गई