भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (09 जनवरी, 2014) विज्ञान भवन, नई दिल्ली में प्रवासी भारतीय दिवस सम्मान प्रदान किए तथा 12वें प्रवासी भारतीय दिवस अधिवेशन के समापन सत्र को संबोधित किया।
इस सम्मेलन को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने इस बात को दोहराया कि प्रवासी भारतीय, भारत की प्रगति और विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उनके पास, विदेशों में अपने जीवन से प्राप्त अनुभव, कौशल तथा ज्ञान है और वह भारत के लिए अत्यंत उपयोगी हो सकता है। प्रवासी भारतीय, भारत के शिक्षण संस्थानों को विश्व स्तरीय दर्जा प्राप्त करने के लिए सहायता प्रदान करने में अत्यत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, जिनमें से अधिकतर उनकी मातृ संस्थाएं हैं। वह भारत के उच्च शिक्षण संस्थानों के रूपांतर में तथा उनमें उत्कृष्टता की संस्कृति तथा नवान्वेषण के जज्बा का समावेश करने में उत्प्रेरक बन सकते हैं। उन्होंने सभी स्टेकधारकों से इस कार्य में एकाग्रचित होकर लगने का आह्वान किया।
राष्ट्रपति ने यह उम्मीद व्यक्त की कि प्रवासी भारतीय दिवस विभिन्न परस्पर लाभदायक कार्यक्रमों को सुदृढ़ करने के लिए कई पहलों की शुरुआत करेगा। उन्होंने कहा कि सरकार भी प्रवासी भारतीय समुदाय से सक्रिय रूप से संबद्धता बनाए रखेगी तथा एक मजबूत तथा समृद्ध भारत के निर्माण में उन्हें महत्त्वपूर्ण साझीदार बनाने के लिए सभी संभव अवसरों को तलाश करेगी।
यह विज्ञप्ति 1820 बजे जारी की गई।