भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (09जनवरी2016)हजारीबाग, झारखंड के विनोबा भावे विद्यालय के सातवें दीक्षांत समारोह में भाग लिया।
इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने कहा कि विनोबा भावे विश्वविद्यालय के अंतर्गत मानविकी, विज्ञान, वाणिज्य, प्रबंधन, कम्प्यूटर अनुप्रयोग,इंजीनियरी, विधि, शिक्षा और चिकित्सा में अध्यापन और अनुसंधान कार्यक्रम प्रदान करने वाले 24 स्नातकोत्तर विभाग, 22 संघटक कॉलेज तथा 91 संबंधित कॉलेज हैं। झारखंड राज्य के आयुर्वेद और होम्योपैथी कॉलेज भी इसके अधिकार क्षेत्र में हैं। ढाई दशक पूरा करने के बाद, विनोबा भावे विश्वविद्यालय अब आधुनिक इक्कीसवीं शताब्दी का संस्थान तथा उत्कृष्टता केंद्र बनने की अपनी संकल्पना साकार करने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है।
राष्ट्रपति ने कहा कि विश्वविद्यालय अलग रहकर कार्य नहीं कर सकते। उन्हें समाज की बेहतरी में योगदान करना चाहिए। सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन, स्मार्ट सिटी मिशन, डिजीटल इंडिया, भारत में निर्माण, स्किलिंग इंडिया तथा स्टार्ट अप इंडिया जैसी अनेक महत्वपूर्ण पहल आरंभ की हैं। इन पहलों में भारत का भविष्य बदलने की शक्ति है।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत अतीत में शिक्षा और अनुसंधान के लिए विख्यात था। एक ऐसा समय था जब भारत उच्च शिक्षा के केंद्र के रूप विश्व में एक अग्रणी भूमिका निभाता था। तक्षशिला, नालंदा, विक्रमशिला, वल्लभी, सोमपुरा और ओदंतपुरी जैसी शिक्षा की विख्यात पीठों ने भारत को लगभग 1800 वर्षों तक आगे बनाए रखा। यहां सदियों तक विश्वभर के ज्ञान का परस्पर आदान-प्रदान होता रहा।
राष्ट्रपति ने कहा कि विगत साढ़े तीन वर्ष के दौरान,उन्होंने100से अधिक संस्थानों का दौरा किया है तथा भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों की अंतरराष्ट्रीय वरीयता सुधारने की आवश्यकता पर बल दिया है। हमारे उच्च शिक्षा संस्थानों की क्षमता में कोई कमी नहीं है। उन्हें स्वयं को बेहतर ढंग से प्रस्तुत करना होगा। हरगोविंद खुराना और वी. रामकृष्णन जैसे नोबेल विजेताओं ने भारतीय विश्वविद्यालयों में अध्ययन किया था। उन्होंने संबद्ध संस्थानों के प्रयासों के लिए धन्यवाद किया तथा उनके निरंतर प्रोत्साहन से दो भारतीय संस्थानों ने पहली बार सर्वोच्च 200में स्थान बनाया है। उन्हें विश्वास था कि शीघ्र और संस्थान इनमें शामिल हो जाएंगे।
राष्ट्रपति ने इस अवसर पर पूर्व केंद्रीय वित्त तथा विदेश मंत्री, श्री यशवंत सिन्हा जिन्हें मानव डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की गई,को बधाई दी।
यह विज्ञप्ति 1450बजे जारी की गई।