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राष्ट्रपति ने कहा, कृषि में अपव्यय को कम करने, महंगाई नियंत्रित करने तथा आय बढ़ाने के लिए किसानों की मंडियों तक पहुंच में सुधार जरूरी है

राष्ट्रपति भवन : 09.02.2014

भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (09 फरवरी, 2014) नागपुर में कृषि मंत्रालय तथा महाराष्ट्र सरकार द्वारा आयोजित कृषि प्रदर्शनी ‘कृषि वसंत’ का उद्घाटन किया।

इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि भारत ने विगत दस वर्षों के दौरान कृषि में शानदार प्रगति की है और अब हम खाद्यान निर्यात करने में सक्षम हैं। तथापि, उन्होंने बल देकर कहा कि कृषि में अपव्यय को कम करने, महंगाई नियंत्रित करने तथा आय बढ़ाने के लिए किसानों की मंडी तक पहुंच में सुधार जरूरी है। इस संबंध में, उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने किसानों को अधिक उत्पादन में लाभ प्राप्त करने के लिए 2014 को कृषक उत्पादक संगठन वर्ष घोषित किया है। सार्वजनिक निजी साझीदारी से उपज के बाद खाद्य क्षेत्र के अवसंरचना अंतर को समाप्त किया जा सकता है। सार्वजनिक निजी साझीदारी पद्धति के अंतर्गत बाजार का विकास करने के लिए संगठित संभारप्रदाताओं, प्रसंस्करणकर्ताओं तथा खुदरा विक्रेताओं को और अधिक निवेश के लिए प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। इससे किसान और उद्योग की बेहतर आय सुनिश्चित होगी। इन बहु कार्यनीतियों ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत, हमारे दो-तिहाई से अधिक देशवासियों के लिए किए गए वादे को पूरा करने के लिए पर्याप्त अतिरिक्त मात्रा पैदा करने में मदद की है। इसी प्रकार, तेजी से बढ़ रही मध्यम आय आबादी की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए, उच्च मूल्य कृषि के विकास में तेजी आई है।

राष्ट्रपति ने कहा कि बढ़ते खाद्यान भंडार और उच्च मूल्य उत्पादों के उत्पादन में बढ़ोतरी के परिदृश्य में खाद्य महंगाई का लंबी अवधि तक लगातार जारी रहना विडंबनापूर्ण है। आपूर्ति श्रृंखला को सुचारू बनाने के लिए कमियों की पहचान करनी होगी तथा थोक और खुदरा बाजार के बीच के अंतर को दूर करना होगा। इसके लिए कृषि विपणन में संस्थागत बदलाव लाने की जरूरत है।

राष्ट्रपति ने सभी भागीदारों से किसानों, वेशषकर छोटे और सीमांत किसानों, के लिए प्रौद्योगिकियों और सर्वोत्तम परिपाटियों को सुलभ बनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि किसानों को सेवाओं की शीघ्र सुपुर्दगी सुनिश्चित करने के लिए कृषि विस्तार नेटवर्क को प्रोत्साहित करना होगा। उन्होंने कहा कि कृषि वसंत संवाद, विचार-विमर्श और प्रदर्शन का उपयुक्त मंच है जो यह दर्शाता है कि भारतीय कृषि को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए क्या किया जाना आवश्यक है।

यह विज्ञप्ति 1240 बजे जारी की गई।