भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने कल (8 जून, 2015) राष्ट्रपति संपदा में एक अत्याधुनिक मलजल शोधन संयंत्र का उद्घाटन किया। इस अवसर पर, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के राज्यपाल, श्री नजीब जंग, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के मुख्य मंत्री, श्री अरविंद केजरीवाल तथा राष्ट्रपति की सचिव, श्रीमती ओमिता पॉल राष्ट्रपति के साथ थे।
यह मलजल शोधन संयंत्र, जिसकी आधारशिला राष्ट्रपति जी ने 17फरवरी, 2014 को रखी थी, एक वर्ष और तीन महीने की कीर्तिमान अवधि में निर्मित हुआ है। यह मलजल शोधन संयंत्र व्यापक संरक्षण प्रबंधन योजना के तहत इंटाच की सिफारिश के अनुरूप है।
राष्ट्रपति संपदा में सुप्रसिद्ध मुगल गार्डन सहित 190.5एकड़ का हरित क्षेत्र है। परंतु बागवानी के लिए पानी की भारी किल्लत के कारण, खासकर गरमियों के मौसम में, हरित क्षेत्र में कमी आई है और कुछ किस्म की वनस्पति पूरी तरह लुप्त हो गई है। पर्याप्त पानी के उपलब्ध नहीं होने का दुष्प्रभाव यहां उन जीव जंतुओं पर भी पड़ रहा था जो राष्ट्रपति संपदा के वन क्षेत्र और हरियाली पर निर्भर पारितंत्र पर निर्भर हैं।
नई दिल्ली नगर पालिका तथा अन्य स्रोतों से राष्ट्रपति संपदा को लगभग 16-18लाख लीटर प्रतिदिन पानी मिलता है जिसमें से 80 प्रतिशत मलजल बन जाता है। यह मलजल तथा नार्थ एवेन्यू और साउथ एवेन्यू मलजल नेटवर्क प्रणाली से अतिरिक्त मलजल प्राप्त करके उसे शोधित किया जाएगा तथा संपदा में बागवानी के लिए प्रयोग किया जाएगा।
इस परियोजना में एक आर्द्रभूमि क्षेत्र का विकास भी शामिल है जिसे नवान्वेषी तरीके से विकसित करके उसमें विभिन्न किस्म के वृक्ष, झाड़ियां इत्यादि रोपित किए गए हैं। यह आर्द्रभूमि इस इलाके की वनस्पति और जीव-जंतुओं को सहारा देगी।
शोधित जल के भंडारण के लिए उपयोग हो रही वर्तमान डालीखाना झील की क्षमता को इसकी पूर्व क्षमता से तीन गुणा बढ़ा दिया गया है तथा इसमें अब 5 मिलियन लीटर पानी की क्षमता है। साथ ही यह उत्तरी पहाड़ी क्षेत्र के जल पक्षियों के पर्यावास के रूप में भी कार्य करेगा जहां इस तरह के तालाब नहीं हैं। डालीखाना झील में 18000 मछलियां भी छोड़ी गई हैं।
इस परियोजना के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान तकनीकी परामर्शदाता था। इसका निर्माण, संचालन तथा रखरखाव मै. एल एंड टी द्वारा किया जा रहा है।
यह विज्ञप्ति 1200 बजे जारी की गई।