भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (9 सितम्बर, 2013) राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में वर्ष 2011 और 2012 के लिए राष्ट्रपति स्काउट/गाइड/रोवर/रेंजर तथा अडल्ट लीडर पुरस्कार/प्रमाणपत्र प्रदान किए।
इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने, राष्ट्रीय स्तर का नेटवर्क विकसित करने तथा पूरी दुनिया में मैत्री और सहयोग के प्रसार के लिए अपने समकक्ष संगठनों के साथ जुड़ने में सफलता के लिए स्काउट और गाइड आंदोलन की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत स्काउट एवं गाइड का ध्येय वाक्य ‘ईश्वर के प्रति दायित्व, दूसरों के प्रति दायित्व, तथा अपने प्रति दायित्व,’ उनमें ऐसे आध्यात्मिक सिद्धांतों का समावेश करेगा जो चरित्र का निर्माण करता है। इससे उन्हें हमारे समाज में परस्पर सम्मान तथा भाईचारा फैलाने की प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने कहा कि स्काउट एव गाइड आंदोलन में अपनी सहभागिता से वे अपने खुद की बौद्धिक, शारीरिक तथा आध्यात्मिक क्षमताओं को साकार कर सकेंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि जब हम समावेशी विकास की बात करते हैं तो जमीनी स्तर पर मौजूद नेतृत्व ही बदलाव के कारक बन सकते हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि स्काउट एवं गाइड आंदोलन ऐसा नेतृत्व वहां उपलब्ध कर सकता है जहां इसकी जरूरत है अर्थात पिरामिड की जड़ में।
राष्ट्रपति ने कहा कि वह इस अवसर पर, कुछ ही महीने पहले उत्तराखंड की भयावह बाढ़ सहित, विभिन्न बचाव तथा पुनर्वास कार्यों में स्काउट एवं गाइड के अथक प्रयासों की सराहना करते हैं। वे अत्यंत चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में सबसे आगे रहे हैं।
यह विज्ञप्ति 1440 बजे जारी की गई।