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भारत के राष्ट्रपति ने शास्त्रीय तमिल के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार प्रदान किए।

राष्ट्रपति भवन : 09.10.2013

भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (09 अक्तूबर, 2013)राष्ट्रपति भवन मेंएक समारोह में वर्ष 2009-10 एवं 2010-11 के लिए ‘‘शास्त्रीय तमिल के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार’’ प्रदान किए।

शास्त्रीय तमिल में आजीवन उपलब्धि के लिए तोलकाप्पियर पुरस्कार डॉ ऐरावतम् महादेवन तथा प्रो. तमिळण्ण्ल पेरियकरुप्पन को क्रमश: वर्ष 2009-10 और 2010-11 के लिए दिया गया था। कुरल पीठ्म पुरस्कार इन्हीं वर्षों के लिए डॉ जरोस्लव वसेक और डॉ जॉन राल्सटन मार को प्रदान किए गए।

शास्त्रीय तमिल के शिक्षण, अनुसंधान तथा प्रकाशन में उत्कृष्टता तथा रूचि के प्रदर्शन के लिए युवा तमिल विद्वानों को भी पुरस्कार प्रदान किए गए थे। वर्ष 2009-10 के लिए डॉ. टी सुरेश, डॉ. एस कल्पना, डॉ आर चंद्रशेखरन, डॉ. वाणी अरिवालन, डॉ सी मुत्तमिळसेल्वन को तथा वर्ष 2010-11 के लिए डॉ टी संगय्या, डॉ. ए. जयकुमार, डॉ. ए मणि, डॉ. एस चिदंबरम तथा डॉ के सुंदरपांडियन को युवा पुरस्कार प्रदान किए गए।

राष्ट्रपति पुरस्कार में प्रशस्ति पत्र तथा पांच लाख रुपए, तोलकाप्पियर तथा कुरल पीठम विजेताओं को तथा एक लाख रुपए युवा विद्वान विजेताओं को प्रदान किए जाते हैं।

ये पुरस्कार मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार के तहत केन्द्रीय शास्त्रीय तमिल संस्थान द्वारा स्थापित किए गए हैं।

यह विज्ञप्ति 1400 बजे जारी की गई।