महामहिम शेख जबर अल-मुबारक अल-हमद अल-सबाह, कुवैत के प्रधानमंत्री ने आज (09 नवम्बर 2013) राष्ट्रपति भवन में, भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी से भेंट की।
राष्ट्रपति ने कुवैत के प्रधानमंत्री का गर्मजोशी से स्वागत करते हुए कहा कि उनकी भारत यात्रा से दोनों देशों के रिश्तों को और बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच रिश्तों को पोषित करने और बढ़ावा देने के लिए उच्च स्तरीय आदान-प्रदान महत्वपूर्ण हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और कुवैत के बीच संबंध सदियों पुराने हैं तथा आपसी विश्वास और सम्मान पर आधारित हैं। कुवैत भारत को तेल की आपूर्ति करने वाला प्रमुख देश है। भारत का लगभग 10 प्रतिशत तेल आयात कुवैत से होता है। ऊर्जा सेक्टर में हमारा द्विपक्षीय व्यापार 15 बिलियन अमरीकी डालर से अधिक है। इन संबंधों को भारत में पेट्रोकैमिकल तथा तेलशोधक कारखानों के क्षेत्र में संयुक्त उद्यमों के माध्यम से और बढ़ाए जाने की संभावना है। आर्थिक संबंधों का उद्योग तथा विनिर्माण के क्षेत्र में विविधिकरण करने की जरूरत है। भारत को अवसंरचना में एक ट्रिलियन डालर के निवेश की जरूरत है तथा कुवैत के निवेश का हार्दिक स्वागत है। भारत की कंपनियों को आज विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता प्राप्त है तथा वे कुवैत में निवेश भी कर सकती हैं। आपसी निवेश की भी बहुत संभावनाएं हैं।
राष्ट्रपति ने आपसी रुचि के नए सेक्टरों में सहयोग का विस्तार करने का आह्वान किया। राष्ट्रपति ने कहा कि कुवैत में भारतीय समुदाय, कुवैत के विकास तथा प्रगति में योगदान दे रहा है तथा यह दोनों देशों के बीच उपयोगी सेतु का काम कर रहा है।
कुवैत के प्रधानमंत्री ने भी राष्ट्रपति के भावनाओं का प्रत्युत्तर दिया। उन्होंने कहा कि रिश्तों को मजबूत करने की बहुत संभावनाएं हैं तथा कुवैत इस विषय में आशावादी है। उन्होंने कुवैत के बड़े भारतीय समुदाय की कठोर परिश्रमी, अनुशासित तथा दूसरों के लिए आदर्श के रूप में प्रशंसा की।
यह विज्ञप्ति 1335 बजे जारी की गई।