भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (10 जनवरी 2014) चंचल, मालदा में चंचल सिद्धेश्वरी संस्थान की 125वीं जयंती का उद्घाटन किया। उन्होंने, सुप्रसिद्ध लेखक श्री शिवराम चक्रवर्ती की प्रतिभा का भी अनावरण किया।
विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि भारत को स्वयं को ज्ञान आधारित समाज में बदलने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि शिक्षा आर्थिक विकास के लिए बुनियादी आधार प्रदान करती है तथा शिक्षण पद्धति में ऐसे आमूलचूल बदलावों का आह्वान किया जिससे वह नवान्वेषण, खोज तथा अनुसंधान में योगदान दे। उन्होंने यह उल्लेख किया कि प्रत्येक देश में प्रौद्योगिकी का स्तर उसकी ताकत का निर्धारण करता है तथा आग्रह किया कि स्कूल से कॉलेज तथा अनुसंधान तक के सभी शिक्षण स्तरों में अंत: संबंध स्थापित हों, जिससे भारत के युवाओं को आधुनिक तथा उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान की जा सके।
यह विज्ञप्ति 1615 बजे जारी की गई।