भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (10 जनवरी, 2017) राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क का प्रयोग करते हुए वीडियो कॉंफ्रेंस के द्वारा ‘खुशहाल समाज का निर्माण’ विषय पर छात्रों और युवाओं को नए साल का संदेश दिया।
छात्रों और उच्च शिक्षा के संस्थाओं के संकायों और अधिकारी सिविल सेवा अकादमियों के अधिकारी प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने युवाओं के चेहरे पर सदैव एक मुस्कुराहट रखने की सीख द्वारा खुशहाली बढ़ाने ; जीवन में हंसने; प्रकृति से जुड़ने और समुदाय के साथ शामिल होने का आह्वान किया। उन्होंने उन्हें खेलों में रुचि लेने और एक स्वस्थ शरीर बनाए रखने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि उन्हें अपने खान-पान पर ध्यान रखना चाहिए और बताया कि वंचित और कमजोर लोगों के चेहरे पर मुस्कुराहट लाना वास्वत में परिणामी अनुभव हो सकता है।
हमारे चारों ओर नकारात्मक भावनाओं की प्रचुरता के संदर्भ में राष्ट्रपति ने कहा कि महिलाओं के प्रति हिंसा, रोडवेज, नशीले पदार्थों का सेवन और आत्महत्याएं परेशानी की अभिव्यक्ति हैं। उन्हें सकारात्मक भावनाओं को पोषित करने और नकारात्मक भावनाओं को हटाने के द्वारा निपटाया जा सकता है। उन्होंने युवाओं को आवश्यकता पड़ने पर सहायता लेने की सलाह दी। उन्होंने उन्हें योग और ध्यान का अभ्यास करने और खुशहाली के लिए अंतर्मुखी होने का परामर्श भी दिया।
राष्ट्रपति ने युवाओं को पुस्तकों को सर्वोत्तम मित्र बनाने के लिए और पुस्तकों के प्रति प्रेम रखने के लिए कहा। उन्होंने उनसे कला और संस्कृति के प्रति रुचि रखने और जीवनपर्यंत सीखने की आदत बनाने की सलाह दी।
यह विज्ञप्ति 1800 बजे जारी की गई। ’