भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (10 मई,2015) मास्को में रूस के प्रमुख भारतविदों से विचार-विमर्श किया।
प्रख्यात भारतविदों को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति जी ने कहा कि उनका कार्य यह सुनिश्चित करता है कि वे सदैव भारत तथा इसके इतिहास,संस्कृति, धरोहर, राजनीति तथा कलाओं से जुड़े रहें। रूस में भारत की बेहतर समझ को बढ़ावा देने में उनके योगदान की भारत सराहना करता है। इसी के साथ यह भी जरूरी है कि भारत विज्ञान अनुसंधान को समसामयिक प्रासंगिकता देकर और इसे न केवल बौद्धिक रूप में रोचक बल्कि व्यावसायिक रूप से लाभदायक बनाकर नई पीढ़ी को इससे जुड़ने की प्रेरणा दी जाए।
राष्ट्रपति जी ने घोषणा की कि भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद् विदेशों में भारत विज्ञान को प्रोत्साहन देने के लिए एक वार्षिक विशिष्ट भारतविद् पुरस्कार की स्थापना करेगी। उन्होंने यह भी घोषणा की कि भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद् रूस में संस्कृत तथा भारत विज्ञान पर क्षेत्रीय सम्मेलन आयोजित करेगी। रसियन एकेडमी ऑफ सोशल साइंसेज की भारतीय पीठ के लिए भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद् द्वारा दी जा रही सहायता भी अगले दो वर्षों के लिए जारी रहेगी।
यह विज्ञप्ति 1630 बजे जारी की गई।